नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के कन्नौज से 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। वह इस सीट से तीन बार सांसद बन चुके हैं। वहीं इस सीट पर उनकी पत्नी डिंपल यादव और दिवंगत सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव जीत चुके हैं। उनकी पार्टी ने बुधवार को एक्स पर एक पोस्ट में इसकी जानकारी दी।
पार्टी ने कहा कि यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव कल दोपहर में अपना पर्चा दाखिल करेंगे। उन्होंने 2019 में आजमगढ़ सीट भी जीती थी, लेकिन 2022 में करहल से यूपी विधानसभा के लिए चुने जाने के बाद उन्होंने पद छोड़ दिया था। हालांकि यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि सपा नेता लोकसभा चुनाव के मैदान में लौटेंगे। इससे पहले आज सपा नेता राम गोपाल यादव के हवाले से कहा गया कि इस संबंध में फैसला ले लिया गया है।
तेज प्रताप यादव को नहीं मिला टिकट
अखिलेश यादव की दावेदारी का मतलब यह होगा कि सपा नेता तेज प्रताप सिंह यादव, जिन्हें इस सप्ताह के शुरू में उम्मीदवार के रूप में नामित किया गया था, अब चुनाव नहीं लड़ेंगे। तेज प्रताप यादव अखिलेश यादव के भतीजे हैं। वह मुलायम यादव के भाई रणवीर के पोते हैं और उन्होंने 2014 के चुनाव में मैनपुरी सीट जीती थी।
सूत्रों ने कहा कि यह बदलाव जमीनी स्तर पर सपा कार्यकर्ताओं के बीच असंतोष का परिणाम था, जो चाहते थे कि पार्टी प्रमुख पारिवारिक सीट से चुनाव लड़ें। अखिलेश यादव ने मूल रूप से यह चुनाव नहीं लड़ने का विकल्प चुना था, क्योंकि वह पार्टी के लिए समग्र रणनीति की योजना बनाने के लिए समय चाहते थे।
मैनपुरी से डिंपल यादव मैदान में
2019 में भाजपा के सुब्रत पाठक से इस सीट पर उन्होंने 14,000 से भी कम वोटों से जीता था। तब तक कन्नौज समाजवादी पार्टी का गढ़ था। यह सीट 2012 में एक उपचुनाव में अखिलेश यादव की पत्नी ने जीती थी। उन्होंने 2014 के चुनाव में इसे बरकरार रखा, लेकिन डिंपल से पाठक हार गए। बाद में मुलायम सिंह यादव के निधन के कारण डिंपल यादव को 2022 के उपचुनाव में मैनपुरी से मैदान में उतारा गया। वह करीब तीन लाख वोटों से जीतीं। उन्हें मैनपुरी सीट से दोबारा उम्मीदवार बनाया गया है।