नई दिल्ली। अमेरिकी अधिकारियों को हाल के हफ्तों में ईरान द्वारा पूर्व राष्ट्रपति और रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप की हत्या की कोशिश की साजिश के बारे में खुफिया जानकारी मिली थी। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, इस घटनाक्रम के कारण सीक्रेट सर्विस ने ट्रम्प के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी है। हालांकि, इस बात का कोई संकेत नहीं है कि 13 जुलाई को पेंसिल्वेनिया रैली के दौरान ट्रम्प की हत्या का प्रयास करने वाला 20 वर्षीय थॉमस मैथ्यू क्रुक्स ईरानी साजिश से जुड़ा था।
13 जुलाई को सीक्रेट सर्विस द्वारा मारे जाने से पहले थॉमस मैथ्यू क्रुक्स ने पूर्व राष्ट्रपति पर गोलियां चलाईं थी। इसमें ट्रम्प घायल हो गए थे। तस्वीरों में उनका चेहरा खून से लथपथ दिख रहा था। घटना में एक शख्स की मौत हो गई। हमले के तुरंत बाद एक वीडियो में ट्रम्प को हवा में अपनी मुट्ठी लहराते हुए, “लड़ो! लड़ो! लड़ो!” कहते हुए देखा गया था।
ईरान ने इन आरोपों से इनकार किया है
हालांकि, ईरान ने अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार किया है और उन्हें अप्रमाणित और दुर्भावनापूर्ण बताया है। संयुक्त राष्ट्र में ईरान के स्थायी मिशन ने सीएनएन को बताया, “इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान के नजरिए से ट्रम्प एक अपराधी हैं, जिन पर जनरल सुलेमानी की हत्या का आदेश देने के लिए अदालत में मुकदमा चलाया जाना चाहिए और दंडित किया जाना चाहिए। ईरान ने उन्हें न्याय दिलाने के लिए कानूनी रास्ता चुना है। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, ईरानी साजिश के बारे में खुफिया जानकारी एक मानव स्रोत द्वारा दी गई थी।
पेंसिल्वेनिया रैली से पहले ट्रम्प पर हमले की जानकारी थी
एक अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारी ने कहा कि पेंसिल्वेनिया रैली से पहले सीक्रेट सर्विस और ट्रम्प अभियान को एक खतरे के बारे में अवगत कराया गया था। अधिकारी ने कहा, जवाब में, सीक्रेट सर्विस ने पूर्व राष्ट्रपति की सुरक्षा में बढ़ोतरी की और यह सब शनिवार से पहले किया गया। हालांकि, ट्रम्प अभियान ने यह खुलासा करने से इनकार कर दिया कि क्या उसे ईरान के खतरे के बारे में अवगत कराया गया था।
अमेरिकी अधिकारी वर्षों से चिंतित हैं कि जनवरी 2020 में ईरानी सैन्य कमांडर कासिम सोलेमानी की हत्या के आदेश के लिए ईरान डोनाल्ड ट्रम्प के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करेगा।