‘आम चुनाव के दौरान भारत को अस्थिर करने की साजिश रच रहा अमेरिका’, रूसी विदेश मंत्रालय ने दी चेतावनी

भारत को अस्थिर करने की साजिश रच रहा अमेरिका

नई दिल्ली। अमेरिकी संघीय आयोग की रिपोर्ट में धार्मिक स्वतंत्रता के कथित उल्लंघन के लिए भारत की आलोचना के बाद रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि अमेरिका का लक्ष्य 2024 के आम चुनाव के दौरान भारत को अस्थिर करना है।

रूसी सरकार के स्वामित्व वाले समाचार नेटवर्क आरटी न्यूज ने विदेश विभाग प्रवक्ता मारिया जखारोवा के हवाले से बताया कि वाशिंगटन को भारत की राष्ट्रीय मानसिकता और इतिहास की समझ नहीं है और वह भारत में धार्मिक स्वतंत्रता के बारे में निराधार आरोप लगाना जारी रख रहा है।

भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप

जखारोवा ने इसे एक देश और राज्य के रूप में भारत के लिए अपमानजनक बताया। आरटी न्यूज़ ने उनके हवाले से कहा, “अमेरिका का उद्देश्य भारत में आंतरिक राजनीतिक स्थिति को असंतुलित करना और आम चुनावों को जटिल बनाना है।” विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि वाशिंगटन की हरकतें स्पष्ट रूप से भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप है।

रूस का यह बयान अमेरिका अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (यूएससीआईआरएफ) की नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट में धार्मिक स्वतंत्रता के कथित उल्लंघन के लिए भारत की आलोचना के बाद आया है। आयोग ने भारत को विशेष चिंता का देश घोषित करने के लिए अमेरिकी विदेश विभाग को अपनी सिफारिश भी भेजी।

लोगों को मनमाने ढंग से हिरासत में लिया गया

रिपोर्ट में सत्तारूढ़ भाजपा पर भेदभावपूर्ण राष्ट्रवादी नीतियों को बढ़ावा देने का आरोप लगाया गया है। इसने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम, नागरिकता (संशोधन) अधिनियम और धर्मांतरण और गो-हत्या विरोधी कानूनों के निरंतर प्रवर्तन को भी चिह्नित किया है। इसमें कहा गया है कि इन कानूनों को लागू करने के परिणामस्वरूप धार्मिक अल्पसंख्यकों और उनकी ओर से वकालत करने वालों को मनमाने ढंग से हिरासत में लिया गया और उन्हें निशाना बनाया गया।

रिपोर्ट में कहा गया है, “धार्मिक अल्पसंख्यकों पर रिपोर्टिंग करने वाले समाचार मीडिया और गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) दोनों को एफसीआरए नियमों के तहत कड़ी निगरानी के अधीन किया गया था।” विदेश मंत्रालय ने भारत की चुनावी प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने का प्रयास करने और देश के खिलाफ प्रचार जारी रखने के लिए अमेरिकी आयोग की आलोचना की है।

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