आतिशी ने सीएम रेखा गुप्ता के पति पर लगाया दिल्ली सरकार चलाने का आरोप, भाजपा ने किया पलटवार

नई दिल्ली। दिल्ली में एक नया राजनीतिक विवाद तब शुरू हुआ जब विपक्ष की नेता और आम आदमी पार्टी (आप) की विधायक आतिशी ने शनिवार को आरोप लगाया कि दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के पति मनीष गुप्ता राज्य सरकार को चला रहे हैं। आतिशी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक तस्वीर साझा की, जिसमें मनीष गुप्ता को दिल्ली नगर निगम (एमसीडी), दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी), लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) और दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डूसिब) के अधिकारियों के साथ बैठक करते दिखाया गया।

उन्होंने दावा किया कि यह पहली बार है जब देश में कोई महिला मुख्यमंत्री बनी हो और सरकार का सारा काम उनके पति संभाल रहे हों। आतिशी ने इसे गांवों में महिला सरपंचों के पति द्वारा काम संभालने की पुरानी प्रथा से जोड़ा और सवाल उठाया कि क्या रेखा गुप्ता सरकार चलाने में सक्षम नहीं हैं। उन्होंने दिल्ली में बिजली कटौती और निजी स्कूलों की फीस वृद्धि को भी इससे जोड़ा।

आतिशी की टिप्पणी को बताया अपमानजनक

इसके जवाब में, दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आतिशी की टिप्पणी को ‘अपमानजनक’ करार दिया। उन्होंने X पर लिखा कि रेखा गुप्ता ने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) की सचिव से लेकर मुख्यमंत्री तक का सफर कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प से तय किया है। सचदेवा ने कहा कि उनके पति का समर्थन करना ‘न तो गैरकानूनी है और न ही अनैतिक’ और यह परिवार के सदस्यों द्वारा जन प्रतिनिधियों की मदद करने की सामान्य प्रथा है। उन्होंने आप नेता अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल का उदाहरण देते हुए पलटवार किया, जो केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय से जनता को संबोधित कर चुकी हैं। सचदेवा ने पूछा, “क्या वह लोकतंत्र का अपमान नहीं था?”

आतिशी के आरोपों की अभी पुष्टि नहीं हुई

मनीष गुप्ता एक दिल्ली-आधारित व्यवसायी हैं और रेखा गुप्ता की चुनावी हलफनामे के अनुसार उनकी कंपनी का नाम निकुंज एंटरप्राइजेज है। वह कोटक लाइफ इंश्योरेंस में भी एजेंसी सहयोगी हैं। रेखा गुप्ता ने इस साल की शुरुआत में मुख्यमंत्री बनने के बाद अपने पति को अपनी सफलता का श्रेय दिया था। इस विवाद ने दिल्ली की सियासत में नया तनाव पैदा कर दिया है, जहां आप और भाजपा पहले से ही कई मुद्दों पर आमने-सामने हैं। आतिशी के दावों की स्वतंत्र पुष्टि अभी तक नहीं हुई है, लेकिन इसने सरकार में पारदर्शिता और जवाबदेही पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह घटना 13 अप्रैल, 2025 को चर्चा में रही।

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