भगोड़ा और हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी बेल्जियम से गिरफ्तार, भारत ने किया प्रत्यर्पण का अनुरोध

नई दिल्ली। भारतीय भगोड़ा और हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को बेल्जियम में गिरफ्तार किया गया है। चोकसी पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) लोन धोखाधड़ी मामले में वांछित है। सूत्रों के अनुसार, यह गिरफ्तारी भारत की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अनुरोध पर हुई।

चोकसी, जो 2018 से फरार था, को 12 अप्रैल को बेल्जियम के एक अस्पताल से हिरासत में लिया गया, जहां वह इलाज करा रहा था। उनकी गिरफ्तारी ऐसे समय हुई जब भारतीय अधिकारियों ने हाल ही में उनके प्रत्यर्पण के प्रयास तेज किए थे। सूत्रों ने बताया कि खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए वह यूरोप गए थे और पिछले छह महीने से बेल्जियम में रह रहे थे।

सीबीआई ने पिछले साल प्रत्यर्पण अनुरोध किया था

चोकसी की गिरफ्तारी से पहले ईडी और सीबीआई ने सितंबर 2024 में प्रत्यर्पण अनुरोध दायर किया था। उनके वकीलों ने दावा किया था कि वह ब्लड कैंसर से पीड़ित हैं और यात्रा के लिए अक्षम हैं। हालांकि, भारतीय अधिकारियों ने अदालत में तर्क दिया कि अगर वह एंटीगुआ से बेल्जियम इलाज के लिए जा सकते हैं, तो भारत भी लौट सकते हैं, जहां पर्याप्त चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हैं।

सूत्रों के मुताबिक, चोकसी बेल्जियम से स्विट्जरलैंड इलाज के लिए जाने की योजना बना रहे थे, तभी उन्हें पकड़ा गया। उनकी स्वास्थ्य स्थिति खराब बताई जा रही है और वह वर्तमान में बेल्जियम के एक हिरासत केंद्र में हैं।

इंटरपोल ने उनके खिलाफ हटाया था रेड कॉर्नर नोटिस

यह कार्रवाई तब हुई जब इंटरपोल ने उनके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस हटा लिया था, लेकिन भारतीय एजेंसियों ने नए सिरे से अनुरोध किया, जिसके परिणामस्वरूप यह गिरफ्तारी हुई। अब भारत उन्हें वापस लाने के लिए काम कर रहा है, लेकिन प्रत्यर्पण एक लंबी प्रक्रिया हो सकती है। सूत्रों का कहना है कि चोकसी बेल्जियम की अदालतों में सभी कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल कर प्रत्यर्पण का विरोध करेंगे। वह जल्द ही चिकित्सा आधार पर जमानत के लिए आवेदन कर सकते हैं और एंटीगुआ में भारतीय एजेंटों द्वारा कथित ‘अपहरण प्रयास’ का मुद्दा भी उठा सकते हैं।

मुंबई की अदालतों ने जारी किए गैर जमानती वारंट

चोकसी के खिलाफ मुंबई की अदालतों ने गैर-जमानती वारंट जारी किए हैं। भारतीय एजेंसियां उन्हें पीएनबी घोटाले में मुख्य आरोपियों में से एक मानती हैं, जिसमें अरबों रुपये की धोखाधड़ी हुई थी। उनकी गिरफ्तारी को भारत के लिए बड़ी सफलता माना जा रहा है, लेकिन उनकी कानूनी लड़ाई और स्वास्थ्य स्थिति इसे जटिल बना सकती है।

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