राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या में पहला दीपोत्सव, 25 लाख दीये जलाए गए

नई दिल्ली। इस साल जनवरी में राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या में पहला ‘दीपोत्सव’ मनाया गया, जिसमें सरयू नदी के तट पर 25 लाख से ज्यादा दीये जलाए गए, जो गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में एक नया नाम है।

30 अक्टूबर को अयोध्या में आठवां ‘दीपोत्सव’ मनाया गया, जिसमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समारोह की अगुआई की। मुख्यमंत्री ने अपने मंत्रिमंडल के सदस्यों और अन्य लोगों के साथ मिलकर दीपोत्सव की शुरुआत की। यह इस साल 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद पहला दीपोत्सव था।

लेजर और ड्रोन शो भी दिखाया गया

इस कार्यक्रम में रामायण की घटनाओं को दर्शाते हुए लेजर और ड्रोन शो भी दिखाया गया। इस समारोह में छह देशों-म्यांमार, नेपाल, थाईलैंड, मलेशिया, कंबोडिया और इंडोनेशिया के कलाकारों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं, साथ ही उत्तराखंड की ओर से रामलीला की प्रस्तुति भी की गई। लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूरे शहर में लगभग 10,000 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए थे, जिनमें से आधे सादे कपड़ों में थे।

स्वस्तिक के आकार में 80,000 दीये जलाए गए

विशेष व्यवस्था में घाट संख्या 10 पर स्वस्तिक के आकार में 80,000 दीये जलाए गए, जो शुभता का प्रतीक है और इस आयोजन का मुख्य आकर्षण है। सुरक्षा उपायों में राम की पैड़ी की ओर जाने वाले 17 मार्गों को बंद करना शामिल है, जिससे केवल पास धारकों को ही प्रवेश की अनुमति मिलती है।

रामायण के पात्रों की जीवंत झांकियों के साथ एक जुलूस मंदिर शहर से होकर गुजरा। योगी आदित्यनाथ ने इस जुलूस की आरती की, जिन्होंने रथ को भी खींचा, जिस पर भगवान राम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान की भूमिका निभाने वाले कलाकार बैठे थे।

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