नई दिल्ली। बांग्लादेश के बंदरगाह शहर चटगांव में तनाव का माहौल है। दरअसल, सुरक्षा बलों ने एक सोशल मीडिया पोस्ट के कारण भड़की झड़पों के बाद अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय पर बड़े पैमाने पर कार्रवाई शुरू कर दी।
यह घटना 5 नवंबर को हजारी गली इलाके में सामने आई, जब कट्टरपंथी इस्लामिक समूह जमात-ए-इस्लामी के सदस्य उस्मान अली ने सोशल मीडिया पर हिंदू धर्म और इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शसनेस (इस्कॉन) के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी पोस्ट की।
बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन ने शेयर किया वीडियो
इसके जवाब में हिंदू समुदाय के लोग आपत्तिजनक पोस्ट का विरोध करने के लिए अली की दुकान के बाहर एकत्र हुए। इससे दोनों समुदायों के बीच झड़पें हुईं। स्थिति तब और बिगड़ गई जब बांग्लादेश सेना सहित सुरक्षा बलों को व्यवस्था बहाल करने के लिए तैनात किया गया। निर्वासित बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कार्रवाई का एक वीडियो साझा करते हुए लिखा, “हजारी लेन, चटगांव आज। हिंदू बनाम सेना।”
वीडियो फुटेज में सुरक्षाकर्मी स्थानीय निवासियों से भिड़ रहे हैं, उनका पीछा कर रहे हैं और उन पर डंडों से हमला कर रहे हैं। स्थानीय मीडिया आउटलेट प्रोथोम अलो के मुताबिक, भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हवा में खाली राउंड फायरिंग की गई। कथित तौर पर कुछ अधिकारियों को सीसीटीवी कैमरे तोड़ते देखा गया।
अधिकारियों ने 582 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया
चटगांव मेट्रोपॉलिटन पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अधिकारियों को काफी प्रतिरोध का सामना करना पड़ा। प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर ईंटें और एसिड फेंके। नौ अधिकारी घायल हो गए, जिनमें एक तेजाब से झुलसा हुआ भी शामिल है। ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार तक अधिकारियों ने 582 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था, जिसमें 49 लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
इस बीच, हिंदू समुदाय के नेताओं ने सुरक्षा बलों पर हिंदू निवासियों को गलत तरीके से निशाना बनाने का आरोप लगाया और आरोप लगाया कि अधिकारियों ने दोनों समुदायों के सदस्यों की भागीदारी के बावजूद अंधाधुंध हमले किए।