भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक भैया दूज आज, जानें क्यों है इसका विशेष महत्व

नई दिल्ली। आज भाई दूज का त्योहार पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। भाई दूज, जो कि भाई-बहन के संबंधों को मनाने वाला एक विशेष पर्व है, प्रत्येक वर्ष दीपावली के बाद द्वादशी तिथि को मनाया जाता है। यह त्योहार विशेष रूप से भारत में मनाया जाता है, जहां भाई-बहन के रिश्ते को विशेष महत्व दिया जाता है। भाई दूज का पर्व मुख्यतः भाई-बहन के प्रति प्रेम, सम्मान और सुरक्षा का प्रतीक है। इस दिन बहनें अपने भाइयों के लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं, जबकि भाई अपनी बहनों के प्रति स्नेह और रक्षा का वचन देते हैं।

इस दिन का महत्व धार्मिक दृष्टिकोण से भी गहरा है। मान्यता है कि इस दिन यमराज अपनी बहन यमुनाजी से मिलने के लिए आए थे। यमुनाजी ने अपने भाई को आमंत्रित किया और उनसे कहा कि इस दिन हर साल भाई दूज के अवसर पर बहनें अपने भाइयों के लिए विशेष भोजन बनाएं और उन्हें तिलक करें। इसके बदले में भाई अपनी बहनों को उपहार देकर उन्हें खुश करते हैं। यह परंपरा आज भी निभाई जाती है और यह भाई-बहन के प्रेम को और मजबूत बनाती है।

पारिवारिक संबंधों को मजबूत करने का माध्यम

भाई दूज का पर्व न केवल पारिवारिक संबंधों को मजबूत करने का माध्यम है, बल्कि यह समाज में भाईचारे और एकता को बढ़ावा देने का भी कार्य करता है। यह दिन सभी बहनों को यह अवसर देता है कि वे अपने भाइयों के प्रति अपनी भावनाओं का इजहार कर सकें और उनसे अपनी सुरक्षा और समर्थन की मांग कर सकें। साथ ही, भाई भी अपनी बहनों के प्रति अपने कर्तव्यों को निभाते हैं और उनकी रक्षा का संकल्प लेते हैं।

बहनें अपने भाइयों के लिए तैयार करतीं हैं भोजन

भाई दूज के दिन, बहनें अपने भाइयों को विशेष तरह का भोजन तैयार करती हैं, जिसमें मिठाइयां, पकवान और अन्य प्रिय व्यंजन शामिल होते हैं। इस दिन का मुख्य आकर्षण भाई के माथे पर तिलक करना और उनकी लंबी उम्र की कामना करना होता है। इसके साथ ही, बहनें अपने भाइयों को उपहार भी देती हैं, जो कि उनके प्रेम और स्नेह का प्रतीक होता है।

रिश्तों को संजोएं रखने की देती है सीख

भाई दूज का महत्व केवल पारिवारिक नहीं, बल्कि सामाजिक भी है। यह पर्व हमें यह सिखाता है कि हम अपने रिश्तों को कैसे संजोएं और उन्हें कैसे निभाएं। यह हमें याद दिलाता है कि भाई-बहन के रिश्ते में विश्वास, प्रेम और समर्पण होना चाहिए। आज की आधुनिक दुनिया में, जब लोग व्यस्तता के चलते एक-दूसरे से दूर होते जा रहे हैं, भाई दूज हमें एक बार फिर अपने पारिवारिक रिश्तों को मजबूत करने का अवसर देता है।

इस प्रकार, भाई दूज एक ऐसा पर्व है जो भाई-बहन के अटूट रिश्ते को मनाने के साथ-साथ सामाजिक और धार्मिक मूल्यों को भी स्थापित करता है। यह पर्व न केवल हमारी संस्कृति को संरक्षित करता है, बल्कि हमें यह भी सिखाता है कि रिश्तों में प्रेम और सम्मान का होना कितना आवश्यक है। भाई दूज हमें यह याद दिलाता है कि जीवन में रिश्तों की अहमियत सबसे बड़ी होती है, और हमें उन्हें सहेजकर रखना चाहिए।

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