नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र के बीच समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव और उनकी पत्नी सांसद डिंपल यादव पर बीजेपी ने तीखा हमला बोला है। मंगलवार को अखिलेश ने संसद भवन के पास एक मस्जिद में सपा सांसदों के साथ कथित बैठक की, जिसके बाद वायरल तस्वीरों ने विवाद खड़ा कर दिया। बीजेपी ने इस बैठक को धर्मस्थल का दुरुपयोग बताते हुए डिंपल यादव के परिधान पर भी सवाल उठाए। बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने कहा कि मस्जिद में सियासी बैठक करना पवित्र स्थान का अपमान है और डिंपल का परिधान मस्जिद के नियमों के खिलाफ था।
अखिलेश ने पलटवार करते हुए कहा कि बीजेपी लोगों को बांटना चाहती है, जबकि उनकी पार्टी सभी धर्मों का सम्मान करती है। उन्होंने कहा, “आस्था जोड़ती है, लेकिन बीजेपी चाहती है कि लोग एकजुट न हों।” डिंपल यादव ने स्पष्ट किया कि यह कोई राजनीतिक बैठक नहीं थी, बल्कि एक सामाजिक कार्यक्रम था, जिसमें सपा सांसद और रामपुर से सांसद मोहिबुल्लाह नदवी, जो मस्जिद के इमाम भी हैं, शामिल थे।
मुख्तार अब्बास नकवी ने इस घटना को धर्मनिरपेक्षता का मखौल बताया
बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने इस घटना को धर्मनिरपेक्षता का मखौल बताया और कहा कि राजनीतिक गतिविधियों के लिए मस्जिद या मंदिर का उपयोग नहीं होना चाहिए। बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा ने मोहिबुल्लाह नदवी को इमाम पद से हटाने की मांग की और ऐलान किया कि वे शुक्रवार को उसी मस्जिद में बैठक करेंगे।
विपक्ष ने बीजेपी पर पलटवार करते हुए इसे तूल देने का आरोप लगाया। सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने कहा कि बीजेपी छोटे मुद्दों को भटकाने के लिए उठाती है। यह विवाद ऑपरेशन सिंदूर और पाहलगाम हमले जैसे अहम मुद्दों के बीच उभरा है, जिससे संसद में तनाव बढ़ गया है।