पवन चोपड़ा, चंडीगढ़। हरियाणा की जनता द्वारा बड़े बहुमत से प्रदेश में लगातार तीसरी बार भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने पर पूज्य संतों ने मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी को आशीर्वाद दिया। बुधवार को मुख्यमंत्री आवास संत कबीर कुटीर पर भव्य तरीके से संत आर्शीवाद समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें प्रदेशभर से संतों महापुरुषों ने हिस्सा लिया। सम्मेलन से पहले पूज्य संतों द्वारा हवन यज्ञ किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने भी आहुति दी।
इस मौके पर अपने संबोधन में नायब सैनी ने कहा कि मैं बड़ा सौभाग्यशाली हूं जो आज मुझे सभी संतों का आशीर्वाद मिला है। सभी संतों ने यही आशीर्वाद दिया है कि मेरा ये देश मेरा ये हरियाणा मजबूती से आगे बढ़ें। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में देश और प्रदेश ने एक नई करवट ली है। देश की समस्याओं का समाधान हुआ, जिनसे हम पहले जूझते थे।
बीजेपी वोट नहीं, व्यवस्था के लिए करती है काम: सैनी
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम देखते थे कि हमारी संस्कृति कहीं न कहीं विलुप्त होती जा रही है, लेकिन पिछले 10 वर्षों में वो अंकुरित हो कर दोबारा फिर एक वट वृक्ष का रूप ले रही है। ये आप लोगों का ही आशीर्वाद है। उन्होंने कहा कि संतों के इस आशीर्वाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मिलकर हरियाणा को तीव्र गति से आगे बढ़ाने के लिए वे दिन रात काय करेंगे। हरियाणा के लोगों ने स्वीकार किया कि भारतीय जनता पार्टी वोट के लिए नहीं बल्कि व्यवस्था के लिए काम करती है।
संतों के आशीर्वाद से विकास की गति होगी तेज: सैनी
सैनी ने कहा कि हमने कुछ निर्णय भी लिए, जिनका हरियाणा प्रदेश की जनता को सीधा लाभ मिला है। पूर्व सीएम मनोहर लाल ने संकल्प लेकर एक व्यवस्था को खड़ा किया और उसका ही परिणाम है कि सरकार के शपथ ग्रहण से पहले हरियाणा प्रदेश के गरीब परिवारों के 25,000 बच्चों को बिना पर्ची खर्ची के सरकारी नौकरी मिली। हरियाणा प्रदेश के लोगों के बीच में एक बड़ा संदेश गया कि ये सरकार राजनीति के लिए काम नहीं करती है, बल्कि प्रदेश के हित के लिए काम करती है। हमने जो कहा था उसको पूरा किया। प्रदेश के लोगों ने इस बात को स्वीकर किया कि भारतीय जनता पार्टी वोट के लिए नहीं बल्कि व्यवस्था के लिए काम करती है और हमने ये सिद्ध करके दिखाया है। उन्होंने कहा कि मनोहर लाल जी ने हरियाणा प्रदेश के लिए गजब की व्यवस्थाएं खड़ी की, जो मुझे विरासत में मिली और संतों के आशीर्वाद से इस विरासत को और गति से आगे बढ़ाने का काम करूंगा।
समारोह में कैबिनेट मंत्री महिपाल ढांडा, विपुल गोयल, रणबीर गंगवा तथा राज्य मंत्री राजेश नागर व गौरव गौतम भी उपस्थित रहे। सर्वप्रथम मुख्यमंत्री ने मंच पर आसीन सभी संतों को रुद्राक्ष की माला पहनाकर सम्मानित किया। साथ ही मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी सुमन सैनी और सभी मंत्रियों ने भी समारोह में आए अन्य सभी पूज्य संतों को सम्मानित किया।
चुनाव परिणाम राष्ट्र व सनातन गौरव का विषय: स्वामी ज्ञानानंद महाराज
इस अवसर पर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने संत आर्शीवाद समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि संतों के आशीर्वाद, ईश्वरीय कृपा, संगठन की नियोजित साधना व संकल्प के कारण ही 8 अक्टूबर को जो परिणाम आया वो प्रदेश के नागरिकों के हित के साथ-साथ राष्ट्र व सनातन गौरव का विषय है। उन्होंने कहा कि संत समाज को पूर्ण विश्वास है कि वर्तमान सरकार अपने संकल्पों को सद्भाव और सहज भाव से राष्ट्र हित में आगे बढ़ाने के लिए पुरजोर प्रयास करेगी। मनोहर लाल जी ने जो नींव रखी थी, मुख्यमंत्री उन नीतियों को मजबूती से आगे बढ़ाने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों से ही आज कुरुक्षेत्र के साथ विश्व में भी गीता जयंती महोत्सव अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भव्य तरीके से मनाया जाता है।
नायब सिंह सैनी जैसे व्यक्तित्व इतिहास बनाते हैं – आचार्य धर्मदेव
इस मौके पर आचार्य धर्मदेव ने कहा कि आज सभी संत हरियाणा की 2.80 करोड़ आबादी का नेतृत्व करने वाले मुख्यमंत्री नायब सैनी को आशीर्वाद देने के लिए विशेष रूप से यहां पधारे हैं। उन्होंने कहा कि नायब सैनी जैसे व्यक्तित्व इतिहास बनाते हैं और उनके नेतृत्व में लगातार तीसरी बार भाजपा की सरकार बनने से हरियाणा में भी एक इतिहास बना है। श्री नायब सिंह सैनी सदैव राष्ट्र के हित को आगे रखते हुए लोगों के कल्याण के लिए कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में देश को श्री नरेंद्र मोदी के रूप में यशस्वी प्रधानमंत्री मिला, जिन्होंने राष्ट्र हित को सर्वोपरि रखा और आज भारत का नाम विश्व में रोशन हो रहा है। इसी प्रकार, आज हरियाणा को सैनी के रूप में महान व्यक्तित्व का मुख्यमंत्री मिला है, जिन्होंने 5- 6 माह में ही लोगों का दिल जीत लिया है।
महान संतों की रही विशेष उपस्थिति
समारोह में विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक दिनेश, स्वामी दयानंद सरस्वती महाराज, स्वामी विवेकानंद सरस्वती महाराज, स्वामी शास्वानंद महाराज, स्वामी कपिलपुरी महाराज, स्वामी संपूर्णानंद महाराज, स्वामी ब्रह्मस्वरूप महाराज, योगीराज दिव्यानंद, स्वामी कालिदास महाराज सहित संपूर्ण संत समाज की उपस्थित रही।