कोलकाता। पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के महेशतला में एक शिव मंदिर में तोड़फोड़ की घटना के बाद सांप्रदायिक तनाव भड़क उठा। मंगलवार, 10 जून को रवींद्र नगर पुलिस स्टेशन के पास वार्ड नंबर 7 में स्थित शिव मंदिर में कुछ असामाजिक तत्वों ने तोड़फोड़ की, जिसमें तुलसी मंच को नुकसान पहुंचाया गया और मंदिर परिसर में पथराव हुआ। इस घटना के बाद दो समुदायों के बीच झड़पें शुरू हो गईं, जिसने क्षेत्र में हिंसा का रूप ले लिया। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कार्रवाई की और अब तक 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
विवाद की शुरुआत तब हुई जब स्थानीय हिंदुओं ने मंदिर की जमीन पर कथित अतिक्रमण का विरोध किया। BJP के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार और नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने दावा किया कि मंदिर के पास अवैध दुकानें बनाने की कोशिश की गई, जिसके विरोध में स्थानीय हिंदुओं ने आवाज उठाई। इसके जवाब में भीड़ ने मंदिर, तुलसी मंच, आसपास की दुकानों और घरों पर हमला किया। भीड़ ने पुलिस पर भी पथराव किया, जिसमें कोलकाता पुलिस के डीसी पोर्ट हरिकृष्णन पाई सहित पांच पुलिसकर्मी घायल हो गए। कई वाहनों को भी नुकसान पहुंचा।
पुलिस ने शुरुआत में आंसू गैस का इस्तेमाल किया
पुलिस ने शुरुआत में आंसू गैस का इस्तेमाल किया, लेकिन भीड़ को तितर-बितर करने में नाकाम रही। बाद में अतिरिक्त पुलिस बल और दंगा नियंत्रण इकाइयों ने स्थिति को नियंत्रित किया। रवींद्र नगर में सुरक्षा बढ़ा दी गई और रात भर गश्त जारी रही। सुवेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी सरकार पर ‘तुष्टिकरण की राजनीति’ का आरोप लगाया और केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग की। TMC प्रवक्ता कुणाल घोष ने घटना को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया और कहा कि पुलिस ने संयम के साथ काम किया।
यह घटना पश्चिम बंगाल में हाल के सांप्रदायिक तनावों की एक कड़ी मानी जा रही है। जांच जारी है, और पुलिस ने शांति बनाए रखने की अपील की है।