अहमदाबाद विमान हादसे के बाद एयर इंडिया पर पीड़ित परिवारों के गंभीर आरोप, वित्तीय जानकारी देने का दबाव

अहमदाबाद। 12 जून को एयर इंडिया की फ्लाइट AI 171 के हादसे ने पूरे देश को झकझोर दिया। इस हादसे में 242 यात्रियों और चालक दल के 241 सदस्यों के साथ-साथ जमीन पर मौजूद 34 लोगों की जान चली गई। अब इस हादसे के पीड़ितों के परिवारों ने एयर इंडिया पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि मुआवजा पाने के लिए एयर इंडिया ने उनसे उनकी निजी वित्तीय जानकारी देने का दबाव बनाया। यूके की एक कानूनी फर्म, स्टीवर्ट्स लॉ 40 से ज्यादा परिवारों की मदद कर रही है। इसने बताया कि एयर इंडिया ने परिवारों को धमकी दी कि अगर उन्होंने वित्तीय जानकारी वाला फॉर्म नहीं भरा, तो उन्हें मुआवजा नहीं मिलेगा या उसमें कटौती हो जाएगी।

स्टीवर्ट्स लॉ का कहना है कि एयर इंडिया ने एक ऐसा फॉर्म भेजा, जिसका मकसद मुआवजे की राशि को कम करना था। वहीं, एयर इंडिया ने इन आरोपों को गलत बताया और कहा कि यह फॉर्म केवल यह सुनिश्चित करने के लिए था कि मुआवजा सही लोगों तक पहुंचे। टाटा समूह, जो एयर इंडिया का मालिक है, ने पहले हर पीड़ित परिवार को 1 करोड़ रुपये और बाद में 25 लाख रुपये की अतिरिक्त मदद देने का ऐलान किया था।

भारत के सबसे भयानक विमान हादसों में से एक

इस हादसे में सिर्फ एक यात्री, ब्रिटिश नागरिक विश्वकुमार रमेश, जो सीट 11A पर थे, जिंदा बचे। यूके के 52 पीड़ितों के परिवार अब एयर इंडिया और बोइंग कंपनी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की तैयारी कर रहे हैं। यह हादसा भारत के सबसे भयानक विमान हादसों में से एक है। अभी जांच चल रही है, जिसमें तकनीकी खराबी और तोड़फोड़ जैसे कई कारणों पर विचार किया जा रहा है। परिवारों का गुस्सा और दुख इस बात को और गंभीर बना रहा है।

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