‘दिल्ली मार्च’- अपनी विभिन्न मांगों को लेकर देशभर के किसान दिल्ली चलो विरोध मार्च में शामिल हो रहे हैं। किसानों के आंदोलन के दौरान अराजकता फैलने पर हरियाणा पुलिस ने शंभू सीमा पर प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया। हरियाणा-पंजाब शंभू सीमा पार करने की कोशिश कर रहे प्रदर्शनकारी किसानों ने अपने ट्रैक्टरों से सीमेंट के बैरिकेड को जबरन हटाया। त्रिची में तमिलनाडु के किसानों के एक समूह ने ‘दिल्ली चलो’ किसानों के विरोध का समर्थन किया। किसान नेता पी. अय्याकन्नु ने कहा, “संविधान के अनुसार, हम अपने अधिकारों के लिए देश के भीतर स्वतंत्र रूप से घूम सकते हैं, लेकिन पुलिस किसानों को दिल्ली में विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं दे रही है। अगर प्रधानमंत्री मोदी आगामी चुनावों में तमिलनाडु के किसी भी निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ते हैं, तो किसान उस निर्वाचन क्षेत्र से उनके खिलाफ नामांकन दाखिल करेंगे।”
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, “जो कुछ हो रहा है और जिस प्रकार की खबरें आ रही हैं कि आंसू गैस के गोले छोड़े जा रहे हैं। किसानों को रोकने के लिए और आंदोलन खत्म करने के लिए कीलों के साथ-साथ दीवारें तक खड़ी की गई। प्रशासन के माध्यम से सरकार जो कर सकती थी कर रही है। दिल्ली की सरकार किसानों की आवाज को दबाना चाहती है। ये वही सरकार के लोग हैं जिन्होंने किसानों से कहा कि उनकी आय दोगुनी हो जाएगी, फसल की कीमत मिलेगी, MSP लागू करेंगे।”
कमजोर विपक्ष पर तानाशाह का होता है जन्मः टिकैत
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, “जब देश का विपक्ष कमजोर होता है तो देश में तानाशाहों का जन्म होता है। सब राजनीतिक पार्टियां एक हैं। सत्ता वाले भी और विपक्ष वाले भी। ये अपनी सरकार बचाएं। जब देश का राजा ही ये कह रहा है कि हम 400 सीट जीतेंगे तो फिर देश में चुनाव की जरूरत कहां रह गई? आप इसी चुनाव का नवीकरण कर लीजिए। आप क्यों देश को पागल बना रहे हैं।” किसानों के दिल्ली चलो मार्च पर हरियाणा के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा, “जहां तक किसानों की मांगों का सवाल है तो केंद्र सरकार को तुरंत किसानों से बातचीत करनी चाहिए और उनकी बात माननी चाहिए।”
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा- हम सामाधान ढूंढ़ सकते हैं
केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा, “सरकार को जो जानकारी मिल रही है, उसमें बहुत सारे ऐसे लोग जो इसमें कोशिश करेंगे कि इस तरह की स्थिति बने जिससे वातावरण प्रदूषित हो। मैं किसान भाइयों से कहूंगा कि इन चीजों से वे बचें। भारत सरकार किसानों के हितों को लेकर प्रतिबद्ध है। अधिकांश बातों पर हम बात करने के लिए तैयार हैं। उसके कई विकल्प वे भी दे सकते हैं हम भी विकल्प दे सकते हैं, एक विकल्प पर आकर हम एक समाधान ढूंढ सकते हैं।”