नई दिल्ली। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने हाल ही में चेतावनी जारी की है कि पृथ्वी से एक विशाल एस्टेरॉयड टकराने वाला है। नासा के अनुसार, 2038 में एक विशाल एस्ट्रोयड हमारे ग्रह से टकरा सकता है, जिसकी संभावना 72 प्रतिशत से अधिक है। इससे पृथ्वी को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। वहीं इस खबर की भारतीय अंतरिक्ष एंजेंसी इसरो ने भी पुष्टि की है।
अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने चेतावनी दी है कि अंतरिक्ष में तेजी से बढ़ रहा एक एस्टेरॉयड अगले 14 साल में धरती से टकराने वाला है। नासा को विभिन्न एजेंसियों के साथ अभ्यास में इस जानकारी का पता चला है। एजेंसी ने यह भी चेतावनी दी है कि इस टक्कर को रोक पाना संभव नहीं है।
इसरो ने भी एस्टेरॉयड टकराने की पुष्टि
वहीं, नासा के साथ-साथ भारतीय अंतरिक्ष एंजेंसी इसरो ने भी पृथ्वी से एस्टेरॉयड के टकराने की पुष्टि की है। ISRO के प्रमुख एस सोमनाथ ने 2036 के बाद पृथ्वी से एस्टेरॉयड के टकराने के संभावना के वास्तविक होने की आशंका जताई है। उन्होंने कहा, “अगर पृथ्वी पर ऐसी घटना होती है, तो हम सभी विलुप्त हो जाएंगे। सोमनाथ ने इस बात पर जोर दिया है कि संभावित एस्टेरॉयड के प्रभाव को लेकर भविष्यवाणी करने वाली और उनसे निपटने वाली तकनीक को विकसित करने की आवश्यकता है।
उन्होंने बताया कि ऐसी भयावह घटनाएं मानव जीवनकाल में नहीं हो सकती हैं, लेकिन वे ब्रह्मांड के इतिहास में अक्सर होती हैं। ISRO 2029 में एस्टेरॉयड के साथ पृथ्वी के निकट टकराव से पहले एक ग्रह रक्षा मिशन में भाग लेने की योजना बना रहा है।
धरती से टकराने की 72 प्रतिशत संभावना
वहीं, नासा ने एक अभ्यास के निष्कर्ष में बताया है कि एक ऐसे क्षुद्रग्रह (एस्टेरॉयड) की पहचान की गई है, जिसके बारे में पहले कभी पता नहीं चला था। शुरुआती गणना के अनुसार इसके लगभग 14 वर्षों में धरती से टकराने की 72 प्रतिशत संभावना थी। नासा ने इसकी सटीक तारीख बताते हुए 12 जुलाई 2038 में दिन के 2 बजकर 25 मिनट पर पृथ्वी से टकराने की संभावना जताई। हालांकि, नासा ने कहा कि शुरुआती अवलोकन एस्टेरॉयड के आकार, संरचना और दीर्घकालिक ट्रैजेक्टरी का सटीक निर्धारण करने के लिए पर्याप्त नहीं है।
एक टेबलटॉप अभ्यास में हुआ खुलासा
नासा की आधिकारिक रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल में एजेंसी ने पांचवां प्लैनेटरी डिफेंस इंटरएजेंसी टेबलटॉप अभ्यास आयोजित किया था, जिसमें अमेरिकी सरकारी एजेंसियों और अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों के लगभग 100 प्रतिनिधि शामिल थे। 20 जून को मैरिलैंड स्थित जॉन्स हॉपकिन्स एप्लाइड फिजिक्स लैबोरेटरी में इसके मुख्य निष्कर्ष जारी किए गए। यह अभ्यास एस्टेरॉयड के खतरे का प्रभावी ढंग से जवाब देने की पृथ्वी की क्षमता का जवाब देने के लिए किया गया है। इसी में यह बात सामने आई कि साल 2038 में एक विशाल एस्टेरॉयड पृथ्वी से टकरा सकता है।