नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने बुधवार को कहा कि उसने रॉयटर्स की एक खबर के बाद तमिलनाडु सरकार से एक “विस्तृत रिपोर्ट” पेश करने को कहा है, जिसमें कहा गया है कि एप्पल कंपनी की आपूर्तिकर्ता फॉक्सकॉन ने देश में विवाहित महिलाओं को आईफोन असेंबल के लिए नौकरियां देने से इनकार कर दिया है।
जांच की मांग करते हुए एक बयान में श्रम और रोजगार मंत्रालय ने 1976 के समान पारिश्रमिक अधिनियम का हवाला देते हुए कहा कि कानून स्पष्ट रूप से निर्धारित करता है कि पुरुष और महिला श्रमिकों की भर्ती करते समय कोई भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए।” मंत्रालय ने कहा कि उसने तमिलनाडु के श्रम विभाग से आईफोन फैक्ट्री की साइट को लेकर एक विस्तृत रिपोर्ट देने का अनुरोध किया है, जहां रॉयटर्स ने विवाहित महिलाओं को नौकरियों से दूर करने की फॉक्सकॉन की प्रथा का खुलासा किया था।
तमिलनाडु सरकार की नहीं आई प्रतिक्रिया
श्रम मंत्रालय ने कहा कि उसने क्षेत्रीय मुख्य श्रम आयुक्त के कार्यालय को “तथ्यात्मक रिपोर्ट” प्रदान करने का भी निर्देश दिया है। Apple और फॉक्सकॉन ने सरकारी बयान पर टिप्पणी के अनुरोध का तुरंत जवाब नहीं दिया। तमिलनाडु राज्य सरकार ने कार्यालय समय के बाहर टिप्पणी के लिए रॉयटर्स के अनुरोध का तुरंत जवाब नहीं दिया।
अधिक पारिवारिक जिम्मेदारियों के कारण नहीं दी गई नौकरी
मंगलवार को प्रकाशित रॉयटर्स जांच में पाया गया कि फॉक्सकॉन ने तमिलनाडु में चेन्नई के पास अपने मुख्य भारत आईफोन प्लांट में विवाहित महिलाओं को नौकरी से इस आधार पर व्यवस्थित रूप से बाहर कर दिया है कि उनके पास अपने अविवाहित समकक्षों की तुलना में अधिक पारिवारिक जिम्मेदारियां हैं।