प्रधानमंत्री मोदी का त्रिनिदाद और टोबैगो दौरा, भोजपुरी चौताल और ढोल-मंजीरे ने बनाया बिहार जैसा माहौल

पोर्ट ऑफ स्पेन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3 जुलाई को त्रिनिदाद और टोबैगो पहुंचे, जहां उनका भव्य स्वागत हुआ। यह 1999 के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री का पहला द्विपक्षीय दौरा है। हवाई अड्डे पर त्रिनिदाद की प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर और उनके 38 मंत्रियों ने पारंपरिक भारतीय परिधानों में उनका स्वागत किया। भोजपुरी चौताल, ढोल, और मंजीरे की धुनों ने माहौल को बिहार जैसा बना दिया, खासकर जब बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक हैं।

मोदी ने भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए कमला प्रसाद को बिहार की बेटी कहा, क्योंकि उनके पूर्वज बिहार के बक्सर से थे। उन्होंने कहा, “बिहार का इतिहास भारत और विश्व के लिए गर्व की बात है। यह राज्य लोकतंत्र, शिक्षा, और कूटनीति में सदियों से दुनिया को रास्ता दिखाता रहा है।” त्रिनिदाद में 45% से ज्यादा लोग भारतीय मूल के हैं, जिनके पूर्वज बिहार और उत्तर प्रदेश से मजदूर के रूप में आए थे। मोदी ने वहां की सड़कों के नाम जैसे बनारस, पटना, और कोलकाता का जिक्र किया, जो भारत से गहरा सांस्कृतिक रिश्ता दर्शाते हैं।

मोदी को त्रिनिदाद का सर्वोच्च सम्मान मिलेगा

मोदी ने कमला को अयोध्या के राम मंदिर की प्रतिकृति और सरयू नदी व महाकुंभ का पवित्र जल भेंट किया। उन्होंने भारतीय समुदाय की तारीफ की, जो वहां की प्रगति में योगदान दे रहा है। कमला ने मोदी को त्रिनिदाद का सर्वोच्च सम्मान “द ऑर्डर ऑफ त्रिनिदाद एंड टोबैगो” देने की घोषणा की। मोदी ने अपने संबोधन में बिहार की विरासत को विश्व के लिए प्रेरणा बताया और कहा कि 21वीं सदी में बिहार नई संभावनाएं देगा।

इस दौरे में व्यापार, ऊर्जा, और सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर चर्चा हुई। मोदी का यह दौरा भारत और त्रिनिदाद के रिश्तों को और मजबूत करने के साथ-साथ बिहार के लोगों के लिए भी खास संदेश लेकर आया।

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