14 मार्च को दिखेगा पूर्ण चंद्रग्रहण, भारत समेत कई देशों में दिखेगा अद्भुत नजारा

नई दिल्ली। खगोलीय घटनाओं में रुचि रखने वालों के लिए 14 मार्च 2025 एक खास दिन होगा, जब साल का पहला पूर्ण चंद्रग्रहण दिखाई देगा। इस अद्भुत खगोलीय घटना को भारत समेत कई देशों में देखा जा सकेगा। वैज्ञानिकों के मुताबिक, यह चंद्रग्रहण पूरी तरह से स्पष्ट और लंबे समय तक दिखने वाला होगा।

ग्रहण का समय और दृश्यता

भारतीय समयानुसार, चंद्रग्रहण की शुरुआत रात 10:23 बजे होगी, जबकि पूर्ण ग्रहण 11:30 बजे शुरू होकर लगभग 1 घंटे 20 मिनट तक चलेगा। ग्रहण का समापन 2:01 बजे होगा। इस दौरान चंद्रमा पूरी तरह से पृथ्वी की छाया में आ जाएगा और इसका रंग गहरा लाल हो जाएगा, जिसे “ब्लड मून” के नाम से भी जाना जाता है।

यह पूर्ण चंद्रग्रहण भारत, एशिया, यूरोप, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और उत्तरी अमेरिका के कई हिस्सों में देखा जा सकेगा। हालांकि, दक्षिण अमेरिका और अंटार्कटिका के कुछ हिस्सों में इसकी दृश्यता सीमित होगी।

क्या होता है पूर्ण चंद्रग्रहण?

पूर्ण चंद्रग्रहण तब होता है जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है, जिससे चंद्रमा पर सूर्य की रोशनी पूरी तरह से पहुंचना बंद हो जाती है। इस दौरान, पृथ्वी की छाया चंद्रमा को ढक लेती है, और वह एक तांबे या गहरे लाल रंग का नजर आता है। इसे “ब्लड मून” भी कहा जाता है क्योंकि पृथ्वी के वायुमंडल में मौजूद कण सूर्य की किरणों को बिखेर देते हैं, जिससे लाल रंग अधिक स्पष्ट हो जाता है।

भारत में कहां देखा जा सकेगा?

भारत के अधिकांश हिस्सों में यह चंद्रग्रहण साफ तौर पर देखा जा सकेगा, खासकर उत्तर भारत, पूर्वोत्तर और मध्य भारत में। वैज्ञानिकों के अनुसार, अगर मौसम साफ रहा तो लोग इसे नंगी आंखों से देख सकते हैं। ग्रहण को देखने के लिए किसी विशेष उपकरण की जरूरत नहीं होगी, लेकिन दूरबीन का इस्तेमाल कर इसे और भी स्पष्ट रूप में देखा जा सकता है।

धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व

हिंदू धर्म में चंद्रग्रहण का विशेष धार्मिक महत्व होता है। इस दौरान मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं और लोग ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान और दान-पुण्य करते हैं। वहीं, वैज्ञानिक दृष्टिकोण से यह घटना पृथ्वी, चंद्रमा और सूर्य के बीच संबंधों को समझने का एक महत्वपूर्ण अवसर होती है।

14 मार्च को होने वाला पूर्ण चंद्रग्रहण एक दुर्लभ और रोमांचक खगोलीय घटना होगी। यह उन लोगों के लिए एक शानदार मौका है जो अंतरिक्ष और खगोलीय घटनाओं में रुचि रखते हैं। अगर आसमान साफ रहा, तो यह नजारा यादगार बन सकता है।

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