नई दिल्ली। भारत में 2027 में होने वाली जनगणना, जो 16वीं जनगणना होगी, पूरी तरह डिजिटल होगी और इसे दो चरणों में आयोजित किया जाएगा। रिपोर्ट के अनुसार, गृह मंत्रालय ने जनगणना की अधिसूचना जारी कर दी है, जिसका संदर्भ तिथि 1 मार्च 2027 होगी। पहला चरण, मकान सूचीकरण, 2026 में शुरू होगा, जिसमें मकानों की स्थिति, सुविधाओं और संपत्तियों की जानकारी एकत्र की जाएगी।
दूसरा चरण, जनसंख्या गणना, फरवरी 2027 में होगा, जिसमें व्यक्तिगत विवरण जैसे नाम, आयु, लिंग, धर्म, शिक्षा, व्यवसाय और सामाजिक स्थिति दर्ज की जाएगी। यह प्रक्रिया 21 महीनों में पूरी होगी और प्राथमिक डेटा मार्च 2027 में, जबकि विस्तृत डेटा दिसंबर 2027 तक जारी होगा।
पहली बार, डेटा मोबाइल ऐप के माध्यम से एकत्र होगा
जनगणना का आयोजन गृह मंत्रालय के तहत रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त कार्यालय द्वारा किया जाता है। यह दुनिया के सबसे बड़े प्रशासनिक अभ्यासों में से एक है। पहली बार, डेटा मोबाइल ऐप के माध्यम से एकत्र होगा, जिसमें 16 भाषाओं में होगा। स्व-गणना का विकल्प भी उपलब्ध होगा, जो नागरिकों को स्वयं जानकारी दर्ज करने की सुविधा देगा। डेटा की गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए सख्त सुरक्षा उपाय होंगे, और यह जानकारी अदालतों के लिए भी उपलब्ध नहीं होगी।
जनगणना में आबादी, साक्षरता दर, लिंग अनुपात, जनसंख्या घनत्व, सामाजिक-आर्थिक स्थिति और आवास सुविधाओं जैसे आंकड़े एकत्र किए जाते हैं। पहली बार ट्रांसजेंडर समुदाय के परिवारों की जानकारी भी दर्ज होगी। यह डेटा सरकार के लिए नीति निर्माण, योजनाओं की निगरानी और संसाधन आवंटन में महत्वपूर्ण है। यह लोकसभा और विधानसभा सीटों के परिसीमन और आरक्षित सीटों के निर्धारण में भी उपयोगी होगा।
कोविड-19 महामारी के कारण 2021 की जनगणना स्थगित
कोविड-19 महामारी के कारण 2021 की जनगणना स्थगित हो गई थी। अब 2027 की जनगणना से जनसंख्या वृद्धि, शहरीकरण, और सामाजिक रुझानों का विश्लेषण होगा। डिजिटल तकनीक, जैसे इंटेलिजेंट कैरेक्टर रिकग्निशन (ICR), डेटा प्रसंस्करण को तेज और सटीक बनाएगी। यह जनगणना भारत के विकास की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण साबित होगी।