कैसा है नियंत्रण रेखा पर माहौल? क्या सीमा पार से फिर से हो रही गोलीबारी? पीएम मोदी की हाई लेवल मीटिंग जारी

नई दिल्ली। भारत ने पाकिस्तान पर जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर संघर्षविराम तोड़ने का आरोप लगाया। यह घटना शनिवार देर रात विदेश सचिव विक्रम मिश्री द्वारा भारत और पाकिस्तान के बीच तत्काल प्रभाव से सभी सैन्य कार्रवाइयों को रोकने के समझौते की घोषणा के कुछ घंटों बाद हुई। हालांकि, वर्तमान में एलओसी पर स्थिति स्थिर है, लेकिन पश्चिमी सीमावर्ती राज्यों में हाई अलर्ट जारी है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ अनिल चौहान और सैन्य प्रमुखों के साथ एक उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठक की।

भारत ने 9 आतंकी ठिकानों को किया तबाह

यह तनाव अमेरिका की मध्यस्थता से हुए समझौते के बाद बढ़ा, जिसने दोनों देशों के बीच 100 घंटे तक चले ड्रोन और मिसाइल हमलों को रोका। भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद को जिम्मेदार ठहराया। ऑपरेशन सिंदूर के तहत, भारतीय वायुसेना ने लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन के नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट किया। भारत ने ब्रह्मोस मिसाइल का उपयोग भी किया, जिसके अवशेष राजस्थान में मिले।

पाकिस्तान के सभी हमलों को नाकाम किया गया

पाकिस्तान ने अपने “ऑपरेशन बुनयान-उम-मारसूस” के तहत 26 भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमले का दावा किया, लेकिन भारत ने इन हमलों को नाकाम कर दिया। पाकिस्तानी हमलों में 33 नागरिक मारे गए और 76 घायल हुए, जबकि भारत ने ऑपरेशन में पांच सैनिक खोए। पाकिस्तान ने पहलगाम हमले में संलिप्तता से इनकार किया, लेकिन भारत ने इसे आतंकवाद से जोड़ा।

भारत की कार्रवाई आतंकवाद के खिलाफ: मिश्री

विक्रम मिश्री ने कहा कि भारत की कार्रवाई आतंकवाद के खिलाफ थी, न कि युद्ध की शुरुआत। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने पाकिस्तान की निंदा की, जबकि राहुल गांधी ने संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने डोभाल से शांति की अपील की। रविवार रात तक, जम्मू-कश्मीर और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर शांति रही।

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