नई दिल्ली। राजस्थान के चुरू जिले के भानुड़ा गांव में भारतीय वायुसेना (IAF) का एक जगुआर लड़ाकू विमान दोपहर करीब 1:25 बजे दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में विमान के पायलट की मौत हो गई, जिनका शव मलबे के पास क्षत-विक्षत अवस्था में मिला।
रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, यह विमान नियमित उड़ान पर था, और दुर्घटना के कारणों की जांच के लिए वायुसेना ने उच्च-स्तरीय जांच शुरू कर दी है। यह इस साल का तीसरा जगुआर विमान हादसा है, जिसने वायुसेना के बेड़े की सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं।
ग्रामीणों ने खेतों में लगी आग बुझाने की कोशिश की
स्थानीय लोगों ने बताया कि दोपहर में तेज आवाज के साथ विमान खेतों में गिरा, जिसके बाद आग और धुआं उठता दिखा। हादसे की सूचना मिलते ही राजलदेसर पुलिस, जिला प्रशासन और सेना की टीमें मौके पर पहुंचीं। चुरू के जिला कलेक्टर अभिषेक सुराना ने बताया कि बचाव कार्य तुरंत शुरू किए गए, और पास के रतनगढ़ कस्बे में दहशत फैल गई। ग्रामीणों ने खेतों में लगी आग बुझाने की कोशिश की।
हादसा 2025 में तीसरा जगुआर विमान दुर्घटना
यह हादसा 2025 में तीसरा जगुआर विमान दुर्घटना है। इससे पहले 2 अप्रैल को गुजरात में और 7 मार्च को हरियाणा में जगुआर विमान क्रैश हुए थे। हरियाणा में पायलट सुरक्षित निकल गया था, लेकिन गुजरात हादसे में एक पायलट की मौत हुई थी। विमान के मलबे से मानव अवशेष मिलने की पुष्टि पुलिस ने की, और शव की पहचान के लिए प्रयास जारी हैं।
वायुसेना ने अभी तक हादसे के कारणों पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि पुराने विमानों की रखरखाव समस्याएं या तकनीकी खराबी संभावित कारण हो सकते हैं। इस घटना ने रक्षा उपकरणों के आधुनिकीकरण और सुरक्षा मानकों पर फिर से बहस छेड़ दी है।