नई दिल्ली। भारतीय सशस्त्र बलों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक मिसाइल हमले किए। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में थी। इस हमले में आतंकवादियों ने विशेष रूप से हिंदू पुरुषों को निशाना बनाया, जिससे कई महिलाओं का सुहाग छिन गया।
हिंदू संस्कृति में सिंदूर विवाहित स्त्री के पति की लंबी उम्र और वैवाहिक जीवन का प्रतीक है। पहलगाम हमले ने इस प्रतीक को अपमानित किया और इसलिए भारतीय सेना ने इस ऑपरेशन का नाम ‘सिंदूर’ चुना, जो पीड़ित परिवारों के लिए न्याय और आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ संकल्प को दर्शाता है।
राफेल, सुखोई-30 और जगुआर का हुआ प्रयोग
ऑपरेशन में राफेल, सुखोई-30 और जगुआर विमानों का उपयोग किया गया, जो SCALP क्रूज मिसाइलों और हथौड़ा बमों से लैस थे। निशाने में लश्कर-ए-तैयबा का मुरीदके मुख्यालय, जैश-ए-मोहम्मद का बहावलपुर ठिकाना और कोटली, सियालकोट, मुजफ्फराबाद जैसे आतंकी केंद्र शामिल थे। रक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि हमले केंद्रित और गैर-उत्तेजक थे, और पाकिस्तानी सैन्य सुविधाओं को नुकसान नहीं पहुंचाया गया।
पहलगाम हमले की जिम्मेदारी द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF), लश्कर-ए-तैयबा का सहयोगी, ने ली थी। भारत ने इसे पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का हिस्सा माना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑपरेशन की निगरानी की और वचन दिया कि आतंकियों को पृथ्वी के किसी भी कोने से ढूंढकर सजा दी जाएगी।
भारत की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति
पाकिस्तान ने हमलों को युद्ध की कार्रवाई बताया और नियंत्रण रेखा पर गोलाबारी की, जिसमें तीन भारतीय नागरिक मारे गए। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने चिंता जताई, और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने संयम की अपील की। भारत ने कूटनीतिक स्तर पर अमेरिका, रूस, ब्रिटेन और सऊदी अरब को जानकारी दी।
‘सिंदूर’ नाम न केवल सांस्कृतिक भावनाओं को प्रतिबिंबित करता है, बल्कि भारत की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति को भी रेखांकित करता है। यह ऑपरेशन पीड़ितों के लिए न्याय और राष्ट्रीय संकल्प का प्रतीक है।