नई दिल्ली। भारतीय सशस्त्र बलों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब थी। भारत ने जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के आतंकी ढांचों को निशाना बनाया, जो भारत में कई बड़े हमलों के लिए जिम्मेदार रहे हैं।
हमले का प्रमुख केंद्र पाकिस्तान के बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय था, जहां संगठन का संस्थापक मसूद अजहर रहता है। बहावलपुर में जैश का ‘जमिया मस्जिद सुभान अल्लाह’ परिसर, जिसे उस्मान-ओ-अली कैंपस भी कहा जाता है, निशाने पर था। यह 18 एकड़ में फैला परिसर भर्ती, फंडिंग और आतंकी प्रशिक्षण का केंद्र है। सूत्रों के अनुसार, इस हमले में मसूद अजहर के परिवार के सदस्यों, जिसमें उनकी बड़ी बहन शामिल है, और कई करीबी सहयोगियों के मारे जाने की खबर है। हालांकि, मसूद अजहर की स्थिति के बारे में अभी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
सेना, नौसेना और वायुसेना ने लिया संयुक्त रूप से हिस्सा
ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना ने संयुक्त रूप से हिस्सा लिया। हमले में मिसाइलों और संभवतः ड्रोन्स का उपयोग किया गया, जो रात 2 बजे के आसपास शुरू हुए और मात्र 25 मिनट में पूरे हुए। भारत ने 80 से अधिक आतंकियों को मार गिराने का दावा किया, जिनमें जैश, लश्कर और हिजबुल मुजाहिदीन के सदस्य शामिल थे। भारत ने स्पष्ट किया कि हमले में किसी पाकिस्तानी सैन्य ठिकाने को निशाना नहीं बनाया गया, और यह कार्रवाई “सटीक, मापा हुआ और गैर-उत्तेजक” थी।
26 नागरिकों के मारे जाने का किया दावा
पाकिस्तान ने इस हमले को युद्ध की कार्रवाई करार देते हुए 26 नागरिकों के मारे जाने और 46 के घायल होने का दावा किया। भारतीय सेना ने कहा कि ऑपरेशन का उद्देश्य आतंकवाद की रीढ़ तोड़ना था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ऑपरेशन की निगरानी की, और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना प्रमुखों के साथ समीक्षा की। यह कार्रवाई भारत की आतंकवाद के खिलाफ “जीरो टॉलरेंस” नीति को दर्शाती है।