नई दिल्ली। भारत ने पाकिस्तान के आतंकी साजिद मीर के मामले में उसका दोगलापन उजागर किया। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि 26/11 मुंबई हमले का मास्टरमाइंड साजिद मीर, जिसे पाकिस्तान ने 2012 में ‘मृत’ घोषित किया था, अंतरराष्ट्रीय दबाव के बाद ‘जिंदा’ निकला। मिसरी ने बताया कि पहलगाम हमले में साजिद की भूमिका थी, जिसके जवाब में भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया।
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिसमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक शामिल थे। इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा की सहयोगी ‘द रेसिस्टेंस फ्रंट’ ने ली थी। भारत ने इसे पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का हिस्सा बताया। मिसरी ने कहा कि साजिद मीर जैसे आतंकी, जिन्हें पाकिस्तान ने छिपाने की कोशिश की, इस हमले के पीछे थे। साजिद को 2022 में पाकिस्तान ने गिरफ्तार दिखाया, लेकिन भारत का कहना है कि यह केवल दिखावा था।
भारत ने 9 आतंकी ठिकानों पर किया हमला
‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भारतीय सेना ने 7 मई की रात 1:05 से 1:30 बजे तक पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी ठिकानों पर हमले किए। इनमें लश्कर-ए-तैयबा का मुरीदके और जैश-ए-मोहम्मद का बहावलपुर मुख्य लक्ष्य थे। सूत्रों के अनुसार, 80 से अधिक आतंकी मारे गए। भारत ने साफ किया कि यह कार्रवाई “सटीक, सुनिोजित और गैर-नागरिक थी, जिसमें पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों को निशाना नहीं बनाया गया।
कुपवाड़ा और पूंछ में 15 नागरिक मारे गए
पाकिस्तान ने इन हमलों को “युद्ध की कार्रवाई” करार देते हुए जवाबी गोलाबारी शुरू की, जिसमें कुपवाड़ा और पूंछ में 15 नागरिक मारे गए। भारत ने इसे 2021 के युद्धविराम का उल्लंघन बताया। मिसरी ने कहा कि साजिद मीर का मामला दिखाता है कि पाकिस्तान आतंकियों को पनाह देता है। पीएम नरेंद्र मोदी ने ऑपरेशन को “गर्व का क्षण” बताया और सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने भी सेना का समर्थन किया। यह कार्रवाई 2019 के बालाकोट हमले के बाद भारत का सबसे बड़ा सीमा-पार ऑपरेशन है।