नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 121वें संस्करण में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की। इस हमले में 26 पर्यटकों की मौत हुई थी, जिसमें एक नेपाली नागरिक भी शामिल था, और 36 से अधिक लोग घायल हुए थे। पीएम मोदी ने कहा कि यह हमला कश्मीर की प्रगति और शांति को नष्ट करने की साजिश है। उन्होंने विश्वास जताया कि आतंकियों और उनके समर्थकों को इस जघन्य अपराध के लिए कड़ी सजा दी जाएगी।
22 अप्रैल को पहलगाम के बैसरण मीडो, जिसे ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ के नाम से जाना जाता है, में 5-6 आतंकियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी की थी। इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकी संगठन ‘द रेसिस्टेंस फ्रंट’ ने ली। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आतंकियों ने पर्यटकों की धार्मिक पहचान पूछकर गैर-मुस्लिमों को निशाना बनाया। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया और कश्मीर के पर्यटन उद्योग पर गहरा प्रभाव डाला।
आतंकवाद के खिलाफ पूरी दुनिया भारत के साथ: PM मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि कश्मीर में शांति लौट रही थी, स्कूल-कॉलेजों में उत्साह था, निर्माण कार्य तेजी से हो रहे थे, और पर्यटकों की संख्या रिकॉर्ड स्तर पर थी। लेकिन आतंकियों को यह प्रगति बर्दाश्त नहीं हुई। उन्होंने वैश्विक नेताओं के समर्थन का जिक्र करते हुए कहा कि पूरी दुनिया भारत के साथ आतंकवाद के खिलाफ इस लड़ाई में खड़ी है। पीएम ने पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और आश्वासन दिया कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) इस मामले की गहन जांच कर रही है।
कश्मीर में 10 आतंकियों के घरों को किया ध्वस्त
हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ कूटनीतिक संबंधों पर कड़े कदम उठाए, जिसमें 1960 के सिंधु जल संधि को निलंबित करना, भारतीय दूतावास के कर्मचारियों को वापस बुलाना, और पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करना शामिल है। सुरक्षा बलों ने भी कश्मीर में 10 आतंकियों के घरों को ध्वस्त किया। पीएम ने देश की एकता को सबसे बड़ी ताकत बताते हुए कहा कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई को और मजबूत करेगा।