पवन चोपड़ा, चंडीगढ़। हरियाणा में हो रहा मौजूदा विधानसभा चुनाव सभी राजनीतिक दलों की प्रतिष्ठा का सवाल बना हुआ है। लेकिन उनकी इस राजनीतिक लड़ाई में पारिवारिक सदस्य नारी शक्ति के रूप में लेडी लक भी बराबरी से कंधे से कंधा मिलाकर चुनावी मैदान में डटी हैं। जिस प्रकार से लाडवा विधानसभा चुनाव से लड़ रहे प्रदेश के कार्यवाहक मुख्यमंत्री नायब सैनी को इस चुनाव में भी भाजपा का मुख्यमंत्री चेहरा होने से परदेश की 90 की 90 विधानसभा सीटों पर चुनावी प्रचार करना पड़ रहा है। वहीं उनकी धर्मपत्नी सुमन सैनी ने लाडवा की कमान संभाल रखी है।
जिला परिषद का चुनाव लड़ चुकी हैं सुमन सैनी
सुमन सैनी करनाल में हुए विधानसभा उपचुनाव में भी पति के साथ चुनावी प्रचार में कंधे से कंधा मिले चलती रही हैं। बता दें कि इससे पूर्व भी सुमन सैनी ने अब तक लड़े सभी चुनावों में एक परिपक्व राजनेता की तरह नायब सैनी की चुनावी कमान को संभाले रखा है। यही नहीं सुमन सैनी जिला परिषद का चुनाव भी लड़ चुकी हैं। इसी तरह मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा की धर्मपत्नी आशा हुड्डा भी राजनीतिक रूप से पूर्ण सक्रिय रहती हैं। वे भी समय-समय पर प्रदेश में होने वाले चुनाव में पति भूपेंद्र हुड्डा तथा बेटे दीपेंद्र हुड्डा के चुनावी कैंपेन को बखूबी संभालती हैं।
इसके अलावा प्रदेश की राजनीतिक धूरी रहे तीनों लालों के परिवार की महिला सदस्य भी इससे अछूती नहीं है। पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल की पुत्रवधू किरण चौधरी दिल्ली विधानसभा में डिप्टी स्पीकर, हरियाणा सरकार में पूर्व मंत्री व मौजूदा समय में भाजपा से राज्यसभा सदस्य किरण की पुत्री श्रुति चौधरी जो की पूर्व में लोकसभा के सदस्य रहीं हैं। वे भी भिवानी जिला की तोशाम सीट से भाजपा के टिकट पर अपने चचेरे भाई अनिरुद्ध के सामनेविधानसभा चुनाव लड़ रही हैं।
चौटाला परिवार की महिलाएं भी कर रहीं मेहनत
इसी प्रकार से पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल की पुत्रवधू रेणुका बिश्नोई भी विधायक रह चुकी हैं। वे भी अपने पति कुलदीप बिश्नोई व पुत्र भव्य बिश्नोई के चुनाव में बखूबी राजनीतिक मोर्चे पर लोहा लेती नजर आती है! इसी प्रकार से पूर्व उप प्रधानमंत्री देवीलाल परिवार से पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की मां नैना चौटाला दो बार हरियाणा विधानसभा सदस्य रह चुकी हैं। बीते लोकसभा चुनाव में हिसार लोकसभा सीट से देवीलाल परिवार के सदस्य रणजीत चौटाला, नैना चौटाला सुनैना, चौटाला तीनों ही लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं, जिसमें तीनों को हार का मुंह देखना पड़ा था। वही सुनैना और नैना चौटाला मौजूदा विधानसभा चुनाव की कमान संभाले हुए हैं।
महिला खिलाड़ी भी नहीं है पीछे
भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर बबीता फोगाट भी हरियाणा विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमा चुकी हैं!हालांकि वे इसमें सफल नहीं हो पाई। वहीं ओलंपिक में इतिहास रचने से एक कदम दूर रहकर फाइनल से पहले ही वजन को लेकर ओलंपिक से बाहर हुई विनेश फोगाट भी कांग्रेस की टिकट पर जुलाना से चुनावी मैदान में किस्मत आजमा रहीं हैं। इसी प्रकार से पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा की धर्मपत्नी शक्ति रानी शर्मा, पूर्व मंत्री गीता भुक्कल, लोकसभा सांसद सुनीता दुग्गल, मौजूदा विधायक शैली चौधरी, शारदा राठौर, रेनू बाला, शकुंतला खटक, आरती राव, कमलेश ढांडा, विद्या रानी, संतोष दनोदा, सुमिता सिंह, सपना बडशामी सहित कहीं और महिला नेत्रियां भिन भिन राजनीतिक दलों से मौजूदा विधानसभा चुनाव लड़ रहीं हैं।
कुमारी शैलजा भी रच सकती है इतिहास?
प्रदेश में चल रहे मौजूदा विधानसभा चुनाव में आने वाले समय में भले ही राजनीतिक ऊंट पता नहीं किस करवट बैठेगा, यह तो भविष्य के गर्भ में है। लेकिन कुछ दिनों से हरियाणा प्रदेश कांग्रेस में मुख्यमंत्री को लेकर मचे घमासान के बीच मुख्यमंत्री पद पर दावेदारी ठोक रही सिरसा से लोकसभा सांसद पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा को प्रदेश कांग्रेस को बहुमत मिलने अगर कांग्रेस हाई कमान द्वारा प्रदेश की कमान सौंपी जाती है, तो यह प्रदेश की सबसे पहली दलित और महिला मुख्यमंत्री होने का गौरव हासिल कर प्रदेश की राजनीति में एक नए राजनीतिक अध्याय की शुरुआत होगी। हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र की विधानसभा चुनाव में टिकटों के मामले में जिस प्रकार से तूती बोली है, ऐसे में शैलजा की राह इतनी आसान नहीं।
कुरुक्षेत्र जिला के विधानसभा चुनाव में भी मुख्यमंत्री नायब सैनी की धर्मपत्नी सुमन सैनी के अलावा राज्य मंत्री सुभाष सुधा की धर्मपत्नी उमा सुधा भी सुभाष सुधा के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलती हैं, जो कि कुरुक्षेत्र नगर परिषद की मौजूदा चेयरपर्सन भी हैं। इसी प्रकार पेहवा विधानसभा से चुनाव लड़ रहे भाजपा उम्मीदवार भगवान शर्मा डीडी, कांग्रेस से चुनाव लड़ रहे मनदीप चट्ठा की पत्नी रमनदीप कौर चट्ठा घर जाकर पति के लिए वोट मांग रहीं हैं। इसी कड़ी में उन्होंने गांव झांसा में अपने पति के लिए डोर टू डोर प्रचार किया। पूर्व मंत्री अशोक अरोड़ा के परिवार से भी महिला सदस्य चुनाव हाथ बटा रहीं हैं।