नई दिल्ली। पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा का खूंखार आतंकी और भारत का वांछित आतंकी अबू कताल सुरक्षा बलों के एक ऑपरेशन में मारा गया। सूत्रों के अनुसार, अबू कताल पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा इलाके में छिपा हुआ था, जहां सुरक्षा एजेंसियों ने एक विशेष अभियान चलाकर उसे ढेर कर दिया।
अबू कताल भारत में कई बड़े आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड था और सुरक्षा एजेंसियों की हिट लिस्ट में सबसे ऊपर था। खुफिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वह जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को संचालित करता था और लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष कमांडरों में शामिल था। उसके सिर पर भारी इनाम भी घोषित था।
कैसे मारा गया अबू कताल?
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान के सुरक्षा बलों ने खैबर पख्तूनख्वा के बन्नू जिले में एक ऑपरेशन के दौरान अबू कताल को घेर लिया। आत्मसमर्पण के लिए कहे जाने के बावजूद उसने सुरक्षा बलों पर फायरिंग शुरू कर दी, जिसके जवाब में उसे मार गिराया गया। इस मुठभेड़ में दो अन्य आतंकी भी मारे गए, जिनकी पहचान अभी तक उजागर नहीं की गई है।
भारत के लिए बड़ी सफलता
अबू कताल की मौत भारत के लिए एक बड़ी रणनीतिक सफलता मानी जा रही है। वह 26/11 मुंबई हमलों सहित कई आतंकी साजिशों में शामिल था और कश्मीर में आतंकियों की घुसपैठ कराने में अहम भूमिका निभाता था। भारतीय एजेंसियों ने कई बार पाकिस्तान से उसकी गिरफ्तारी और प्रत्यर्पण की मांग की थी, लेकिन उसे लगातार संरक्षण मिलता रहा।
अबू कताल की मौत से लश्कर-ए-तैयबा को बड़ा झटका लगा है। सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इससे कश्मीर में आतंकी गतिविधियों पर असर पड़ेगा और लश्कर की कमर कमजोर होगी। हालांकि, इस घटना के बाद आतंकी संगठनों की ओर से किसी भी संभावित जवाबी कार्रवाई को लेकर सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हैं।
पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर बढ़ता दबाव
पाकिस्तान में हाल के दिनों में कई आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई हुई है, जिससे संकेत मिलता है कि अंतरराष्ट्रीय दबाव के चलते वह आतंकियों के खिलाफ मजबूरन कदम उठा रहा है। अबू कताल की मौत भी इसी कड़ी का हिस्सा हो सकती है। भारत ने इस ऑपरेशन पर आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन कूटनीतिक स्तर पर इसे आतंकवाद के खिलाफ एक बड़ी जीत माना जा रहा है।