नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के जनजातीय कल्याण मंत्री कुंवर विजय शाह ने भारतीय सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ अपनी विवादास्पद टिप्पणी के लिए 23 मई 2025 को एक बार फिर माफी मांगी है। उन्होंने इसे भाषाई भूल करार देते हुए कहा कि उनके शब्दों का गलत अर्थ निकाला गया।
विवाद 12 मई को इंदौर के रमकुंडा गांव में एक कार्यक्रम के दौरान शुरू हुआ, जब शाह ने कथित तौर पर कहा, “जिन्होंने हमारी बेटियों का सिंदूर उजाड़ा, हमने उनकी बहन को भेजकर सबक सिखाया।” यह टिप्पणी कर्नल सोफिया कुरैशी पर थी, जो ऑपरेशन सिंदूर के दौरान मीडिया ब्रीफिंग में शामिल थीं। इस बयान को सांप्रदायिक और अपमानजनक माना गया, जिसके बाद मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने उनके खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने भी उनकी माफी को “मगरमच्छ के आंसू” करार देते हुए खारिज कर दिया और मामले की जांच के लिए तीन IPS अधिकारियों की विशेष जांच टीम (SIT) गठित की।
इरादा किसी को आहत करना नहीं: विजय शाह
शाह ने अपने वीडियो बयान में कहा, “पहलगाम में हुए आतंकी हमले से मैं बहुत दुखी था। मेरे शब्दों से किसी समुदाय, धर्म या देशवासियों को ठेस पहुंची, यह मेरी भाषाई भूल थी। मैं भारतीय सेना, कर्नल सोफिया और पूरे देश से माफी मांगता हूं।” उन्होंने यह भी कहा कि उनका इरादा किसी को आहत करना नहीं था।
कांग्रेस ने विजय शाह के इस्तीफे की मांग की
कांग्रेस ने इस बयान को महिलाओं और सेना का अपमान करार देते हुए शाह के इस्तीफे की मांग की। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसे शर्मनाक और अशोभनीय बताया। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी हाई कोर्ट के आदेश के बाद कार्रवाई के निर्देश दिए। शाह के खिलाफ इंदौर में भारतीय न्याय संहिता की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
यह विवाद शाह की पिछली टिप्पणियों के इतिहास को भी उजागर करता है, जिसमें उन्होंने पहले भी विवादास्पद बयान दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को अपनी बातों में संयम बरतना चाहिए।