Mahashivratri 2025: कब और क्यों मनाई जाती है महाशिवरात्रि, क्या है इसका महत्व?

नई दिल्ली। महाशिवरात्रि हिंदू धर्म में भगवान शिव को समर्पित एक प्रमुख पर्व है, जो फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस साल यह पर्व 26 फरवरी, बुधवार को मनाया जाएगा। चतुर्दशी तिथि का आरंभ 26 फरवरी को सुबह 11:08 बजे होगा और इसका समापन 27 फरवरी को सुबह 8:54 बजे होगा।

महाशिवरात्रि का महत्व:

महाशिवरात्रि का धार्मिक, आध्यात्मिक और वैज्ञानिक महत्व है।

1. धार्मिक महत्व: पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था। इसलिए, महाशिवरात्रि को शिव-पार्वती के मिलन के उत्सव के रूप में मनाया जाता है।

2. आध्यात्मिक महत्व: महाशिवरात्रि की रात को ध्यान, साधना और आत्मचिंतन के लिए विशेष माना जाता है। इस रात, ग्रहों की स्थिति ऐसी होती है कि मानव शरीर में ऊर्जा का प्रवाह ऊपर की ओर बढ़ता है, जो आध्यात्मिक उन्नति में सहायक होता है। इसलिए, इस रात को जागरण करते हुए ध्यान और साधना करने की परंपरा है।

3. वैज्ञानिक महत्व: महाशिवरात्रि के दिन पृथ्वी का उत्तरी गोलार्द्ध इस प्रकार अवस्थित होता है कि मनुष्य के भीतर ऊर्जा का प्राकृतिक रूप से ऊपर की ओर प्रवाह होता है। यह समय ध्यान और साधना के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता है।

महाशिवरात्रि का पर्व भक्तों के लिए आत्मशुद्धि, ध्यान और भगवान शिव की भक्ति में लीन होने का एक सुनहरा अवसर प्रदान करता है। इस दिन व्रत रखने, रात्रि में जागरण करने और शिवलिंग का अभिषेक करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।

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