धोनी आउट थे या नहीं? विवादित निर्णय पर जमकर हो रहा विवाद, वीरेंद्र सहवाग ने लगाए आरोप

नई दिल्ली। चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) और कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) के बीच खेले गए आईपीएल 2025 के मुकाबले में एक बड़ा विवाद सामने आया, जब एमएस धोनी को डीआरएस के तहत आउट करार दिया गया। यह घटना उस समय हुई जब सीएसके चेन्नई के एमए चिदंबरम स्टेडियम में अपने घरेलू मैदान पर 103 रनों के मामूली स्कोर पर सिमट गई थी, जो उनका आईपीएल इतिहास में घर पर सबसे कम स्कोर है।

धोनी, जो इस मैच में कप्तानी के लिए लौटे थे, नंबर 9 पर बल्लेबाजी करने उतरे और केवल 1 रन बनाकर सुनील नरेन की गेंद पर आउट हो गए। हालांकि, इस आउट के फैसले ने क्रिकेट प्रशंसकों और विशेषज्ञों के बीच बहस छेड़ दी।

धोनी के आउट होते ही सोशल मीडिया पर मचा हंगामा

विवाद तब शुरू हुआ जब धोनी ने नरेन की गेंद पर बल्लेबाजी की और गेंद विकेटकीपर क्विंटन डी कॉक के हाथों में गई। अंपायर ने शुरू में इसे नॉट आउट करार दिया, लेकिन केकेआर ने डीआरएस लिया। थर्ड अंपायर ने रीप्ले में अल्ट्राएज तकनीक का इस्तेमाल किया, जिसमें गेंद के बल्ले से टकराने की आवाज और हल्का डेविएशन दिखा। हालांकि, कुछ विशेषज्ञों और प्रशंसकों का मानना था कि यह सबूत निर्णायक नहीं था, क्योंकि गेंद बल्ले के बजाय पैड से भी टकरा सकती थी। इसके बावजूद, थर्ड अंपायर ने धोनी को आउट करार दिया, जिससे स्टेडियम में मौजूद दर्शक और सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया।

धोनी का एक रन से ज्यादा फर्क नहीं पड़ता: सहवाग

मैच के बाद, पूर्व भारतीय क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने सीएसके की हार के बाद धोनी पर निशाना साधते हुए कहा, “अगर धोनी विवादास्पद तरीके से आउट नहीं हुए होते, तो क्या सीएसके जीत जाती? मुझे नहीं लगता। वे पहले ही 75/8 पर थे और धोनी का एक रन से ज्यादा फर्क नहीं पड़ता।”

सहवाग ने धोनी की बल्लेबाजी स्थिति पर भी तंज कसा, यह कहते हुए कि वह इतने नीचे बल्लेबाजी करने आए कि मैच पहले ही हाथ से निकल चुका था। उनकी यह टिप्पणी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, जिसने बहस को और हवा दी।

लगातार पांच हार से पॉइंट्स टेबल में नौंवें नंबर पर

सीएसके की इस हार ने उनकी स्थिति को और कमजोर कर दिया, क्योंकि वे पांच मैचों में लगातार हार के साथ पॉइंट्स टेबल में नौवें स्थान पर खिसक गए। धोनी ने मैच के बाद कहा, “हमें अपनी बुनियादी बातों को ठीक करना होगा।” हालांकि, इस विवाद ने तकनीक और मानवीय फैसलों के बीच संतुलन पर सवाल उठाए हैं। प्रशंसकों का मानना है कि धोनी के अनुभव से टीम को फायदा हो सकता था, लेकिन अब यह सवाल अनुत्तरित रह गया है।

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