नई दिल्ली। भारत और बांग्लादेश के बीच तनावपूर्ण संबंधों के बीच बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर ईद-उल-अजहा की शुभकामनाएं दीं। 6 जून को लिखे इस पत्र में यूनुस ने कहा कि आपसी सम्मान और समझदारी दोनों देशों को अपने लोगों के कल्याण के लिए मिलकर काम करने की दिशा में मार्गदर्शन करेगी। यह पत्र 8 जून को दोनों नेताओं के बीच ईद की बधाई के आदान-प्रदान के संदर्भ में आया।
यूनुस ने अपने पत्र में लिखा कि ईद-उल-अजहा एक चिंतन का अवसर है, जो समुदायों को उत्सव, बलिदान, उदारता और एकता के भाव में एकजुट करता है। उन्होंने कहा कि यह पर्व दोनों देशों के बीच साझा मूल्यों को दर्शाता है। दूसरी ओर, मोदी ने 4 जून को लिखे अपने पत्र में कहा कि ईद भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का अभिन्न हिस्सा है और यह बलिदान, करुणा और भाईचारे के मूल्यों को प्रोत्साहित करता है।
शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद से संबंध तनावपूर्ण
दोनों देशों के बीच संबंध अगस्त 2024 में शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद से तनावपूर्ण हैं। हसीना के भारत में शरण लेने और उनकी अवामी लीग पार्टी पर मई 2025 में बैन लगने के बाद ढाका ने नई दिल्ली पर आंतरिक राजनीति में हस्तक्षेप का आरोप लगाया। इसके अलावा, बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर हमले और मंदिरों में तोड़फोड़ की घटनाओं ने भारत की चिंता बढ़ाई है। यूनुस ने इन हमलों को राजनीति से प्रेरित बताकर खारिज किया, जिससे तनाव और बढ़ा।
भारत ने इसे अपनी संप्रभुता पर टिप्पणी माना
यूनुस की हालिया चीन यात्रा और उनके भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को लैंडलॉक्ड कहने वाले बयान ने भी विवाद को जन्म दिया। भारत ने इसे अपनी संप्रभुता पर टिप्पणी माना। हालांकि, दोनों नेताओं ने बीआईएमएसटीईसी शिखर सम्मेलन में मुलाकात कर रचनात्मक बातचीत की। यूनुस ने हसीना के प्रत्यर्पण की मांग उठाई, जिसे भारत ने ठुकरा दिया। यह पत्राचार दोनों देशों के बीच संबंधों को सुधारने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है, लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि गहरे अविश्वास को दूर करने में समय लगेगा।