नागपुर हिंसा सुनियोजित हमला या सरकार की विफलता? महायुति-विपक्ष में तकरार

नई दिल्ली। नागपुर में हाल ही में हुई हिंसा ने राज्य की राजनीति में तीखी बहस छेड़ दी है। यह विवाद औरंगजेब की कब्र को लेकर शुरू हुआ, जब हिंदू संगठनों ने उसकी कब्र हटाने की मांग की। सोमवार को नागपुर के महाल इलाके में विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने प्रतीकात्मक रूप से औरंगजेब की कब्र का पुतला जलाया, जिसका वीडियो वायरल होने के बाद तनाव बढ़ गया। शाम 7:30 बजे दो समुदायों के बीच हिंसा भड़क उठी, जिसमें पथराव, तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाएं शामिल थीं।

इस हिंसा के दौरान उपद्रवियों ने घरों पर पथराव किया, सड़क पर खड़े वाहनों को नुकसान पहुंचाया और कई जगह आगजनी की। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। घटना में कई पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जिनमें एक डीसीपी पर कुल्हाड़ी से हमला भी शामिल है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने नागपुर के कोतवाली, गणेशपेठ, लकड़गंज, पचपावली, शांतिनगर, सक्करदरा, नंदनवन, इमामवाड़ा, यशोधरा नगर और कपिल नगर पुलिस थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया है, जो अगले आदेश तक लागू रहेगा।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस हिंसा को पूर्व नियोजित साजिश करार देते हुए कहा कि इसमें शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।

कांग्रेस ने भाजपा नीत सरकार को ठहराया जिम्मेदार

दूसरी ओर, कांग्रेस ने इस हिंसा के लिए भाजपा नीत सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने सवाल उठाया कि सांप्रदायिक सद्भाव के 300 साल के इतिहास वाले शहर में इस तरह की अशांति कैसे हो सकती है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ राजनीतिक दल अपने फायदे के लिए जानबूझकर तनाव भड़का रहे हैं। कांग्रेस सांसद प्रणीति शिंदे ने भी भाजपा पर घिनौनी राजनीति करने का आरोप लगाते हुए जनता से शांति बनाए रखने की अपील की।

लोगों से ध्यान न देने की अपील

इस बीच, नागपुर के हंसपुरी इलाके में भी हिंसा की घटनाएं सामने आई हैं, जहां अज्ञात व्यक्तियों ने दुकानों में तोड़फोड़ की, वाहनों में आग लगा दी और पथराव किया। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं और लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है।

वर्तमान में, नागपुर में हालात तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में हैं। प्रशासन और पुलिस स्थिति पर कड़ी नजर रख रहे हैं और शांति बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रहे हैं। जनता से अपील की गई है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और शांति एवं सद्भाव बनाए रखें।

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