बेंगलुरु। बेंगलुरु स्थित भारत की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इन्फोसिस ने अपने कर्मचारियों से ओवरटाइम से बचने और वर्क-लाइफ बैलेंस को प्राथमिकता देने का आग्रह किया है। यह कदम कंपनी के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति के उस बयान के विपरीत है, जिसमें उन्होंने भारतीय युवाओं से सप्ताह में 70 घंटे काम करने की सलाह दी थी।
मूर्ति ने 2023 में CNBC-TV18 ग्लोबल लीडरशिप समिट में कहा था कि वह वर्क-लाइफ बैलेंस में विश्वास नहीं करते और भारत के छह-दिवसीय कार्य सप्ताह से पांच-दिवसीय कार्य सप्ताह में बदलाव से निराश हैं। उनके इस बयान ने देश में कार्य संस्कृति पर व्यापक बहस छेड़ दी थी।
कर्मचारियों के काम के घंटों पर नजर रखी जा रही
इन्फोसिस ने हाल ही में एक आंतरिक अभियान शुरू किया है, जिसमें कर्मचारियों के काम के घंटों पर नजर रखी जा रही है, खासकर रिमोट वर्क के दौरान। कंपनी ने अपने 3.23 लाख कर्मचारियों को व्यक्तिगत ईमेल भेजकर मानक कार्य समय (9.15 घंटे प्रतिदिन, पांच दिन सप्ताह) का पालन करने को कहा है। अगर कोई कर्मचारी इससे अधिक समय काम करता है, तो उसे चेतावनी ईमेल मिलता है।
मानव संसाधन विभाग की ओर से भेजे गए संदेश में कहा गया, “हम आपकी प्रतिबद्धता की सराहना करते हैं, लेकिन स्वस्थ वर्क-लाइफ बैलेंस आपके कल्याण और दीर्घकालिक पेशेवर सफलता के लिए महत्वपूर्ण है।” यह नीति नवंबर 2023 में शुरू की गई हाइब्रिड वर्क पॉलिसी के बाद लागू की गई, जिसमें कर्मचारियों को महीने में कम से कम 10 दिन ऑफिस से काम करना अनिवार्य है।
लंबे समय तक ओवरटाइम करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक
कंपनी का यह कदम कर्मचारियों के स्वास्थ्य जोखिमों को कम करने और उत्पादकता बढ़ाने पर केंद्रित है। इन्फोसिस का कहना है कि लंबे समय तक ओवरटाइम न केवल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, बल्कि यह समग्र खुशी और कार्यक्षमता को भी प्रभावित करता है। इस पहल ने सोशल मीडिया पर भी ध्यान खींचा है, जहां कुछ यूजर्स ने इसे मूर्ति के 70-घंटे के सुझाव के खिलाफ एक सकारात्मक कदम बताया। यह बदलाव भारतीय आईटी उद्योग में कार्य संस्कृति को लेकर चल रही बहस को और हवा देता है।