नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार, 15 अप्रैल को नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ अपनी पहली चार्जशीट दाखिल की। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में दायर इस चार्जशीट में इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख सैम पित्रोदा, सुमन दुबे और अन्य को भी आरोपी बनाया गया है। मामले की सुनवाई 25 अप्रैल को होगी। ईडी ने इस मामले में 988 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया है, जो एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) की संपत्तियों से जुड़ा है।
ईडी की जांच 2021 में शुरू हुई थी, जो भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की 2014 में दायर एक शिकायत पर आधारित है। स्वामी ने आरोप लगाया था कि सोनिया और राहुल गांधी ने यंग इंडियन लिमिटेड (वाईआईएल) के जरिए एजेएल की 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियों को महज 50 लाख रुपये में हासिल कर लिया। एजेएल नेशनल हेराल्ड अखबार प्रकाशित करती थी और सोनिया व राहुल वाईआईएल में 38-38% शेयरधारक हैं। जांच में ईडी ने दावा किया कि इस नेटवर्क का इस्तेमाल 18 करोड़ रुपये की फर्जी डोनेशन, 38 करोड़ रुपये की अग्रिम किराए और 29 करोड़ रुपये के फर्जी विज्ञापनों के जरिए अवैध फंड जुटाने के लिए किया गया।
कांग्रेस ने बताया राजनीतिक प्रतिशोध
कांग्रेस ने इस कार्रवाई को ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ करार दिया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा, “नेशनल हेराल्ड की संपत्ति जब्त करना और सोनिया व राहुल गांधी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करना बदले की राजनीति है। पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर विपक्ष को डराने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन कांग्रेस चुप नहीं होगी। सत्यमेव जयते।”
ईडी ने एजेएल की संपत्तियों के जब्त करना शुरू की
ईडी ने 11 अप्रैल को दिल्ली, मुंबई और लखनऊ में एजेएल की संपत्तियों को जब्त करने की प्रक्रिया शुरू की थी, जिनकी कीमत 661 करोड़ रुपये आंकी गई है। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत की गई। इस मामले ने एक बार फिर गांधी परिवार को सुर्खियों में ला दिया है, और आने वाले दिनों में इसकी सुनवाई पर सभी की नजरें टिकी हैं।