नई दिल्ली। 1 अगस्त, 2025 से कई वित्तीय नियमों में बदलाव होने जा रहे हैं, जो UPI लेनदेन, LPG कीमतों, क्रेडिट कार्ड सुविधाओं और ट्रेडिंग समय को प्रभावित करेंगे। ये बदलाव उपभोक्ताओं, निवेशकों और व्यवसायों के लिए महत्वपूर्ण होंगे।
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने UPI के लिए नए नियम लागू किए हैं। अब प्रत्येक उपयोगकर्ता किसी एक UPI ऐप पर प्रतिदिन अधिकतम 50 बार बैलेंस चेक कर सकेगा। पीक आवर्स (सुबह 10:00 से दोपहर 1:00 और शाम 5:00 से 9:30) में बैलेंस जांच सीमित करने की सलाह दी गई है।
साथ ही, ऑटोपे भुगतान (जैसे EMI, सब्सक्रिप्शन) केवल गैर-पीक समय (10:00 से पहले, 1:00-5:00 और 9:30 के बाद) में होंगे। उपयोगकर्ता प्रति ऐप रोजाना 25 बार लिंक्ड बैंक खातों की सूची देख सकेंगे। NPCI ने पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स को 31 जुलाई तक नियम लागू करने को कहा है, अन्यथा जुर्माना या अन्य कार्रवाई हो सकती है।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने अपने को-ब्रांडेड क्रेडिट कार्ड्स, जैसे PSB SBI कार्ड प्राइम, KVB SBI सिग्नेचर और अन्य पर 50 लाख रुपये का मुफ्त एयर एक्सीडेंट इंश्योरेंस बंद करने का फैसला किया है। इससे कार्डधारकों को अतिरिक्त खर्च करना पड़ सकता है।
1 अगस्त को LPG, CNG, PNG और विमानन ईंधन (ATF) की कीमतों की समीक्षा होगी। संभावित बदलाव घरेलू खर्च और परिवहन लागत को प्रभावित करेंगे।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने मार्केट रेपो और ट्राई-पार्टी रेपो (TREP) के ट्रेडिंग समय को बढ़ाकर सुबह 9:00 से शाम 4:00 बजे तक कर दिया है। इससे मनी मार्केट में लचीलापन बढ़ेगा।
4-6 अगस्त को होने वाली RBI की मौद्रिक नीति समिति की बैठक में रेपो रेट में 0.25-0.50% कटौती की उम्मीद है। वर्तमान रेपो रेट 5.5% है, और इससे EMI में राहत मिल सकती है। इन बदलावों से वित्तीय नियोजन में सावधानी बरतना जरूरी है।