नई दिल्ली। केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने स्पष्ट किया कि एलपीजी सिलेंडर के लिए ईकेवाईसी प्रमाणीकरण प्रक्रिया के अनुपालन की कोई समय सीमा नहीं है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पुरी की प्रतिक्रिया केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता वीडी सतीसन के एक पत्र के जवाब में आई।
सतीसन ने पत्र में कहा कि हालांकि ई-केवाईसी की प्रक्रिया आवश्यक है, लेकिन संबंधित गैस एजेंसियों पर इसे करने की अनिवार्यता थोपने से नियमित एलपीजी धारकों को असुविधा होती है।
फर्जी बुकिंग को रोकने के लिए जरूरी
हरदीप सिंह पुरी ने मंगलवार को घोषणा की कि फर्जी खातों को खत्म करने और वाणिज्यिक सिलेंडर की फर्जी बुकिंग को रोकने के लिए तेल विपणन कंपनियां या ओएमसी एलपीजी ग्राहकों के लिए ईकेवाईसी आधार प्रमाणीकरण को लागू कर रही हैं। हालांकि, पुरी ने स्पष्ट किया कि यह प्रक्रिया आठ महीने से अधिक समय से चल रही है और इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि केवल वास्तविक उपभोक्ताओं को ही एलपीजी सेवाएं प्राप्त हों।
ऐप के माध्यम से कर सकते हैं ईकेवाईसी
प्रक्रिया के बारे में बताते हुए पुरी ने कहा, “इस प्रक्रिया में, एलपीजी डिलीवरी करनेवाले ग्राहक को एलपीजी सिलेंडर पहुंचाते समय क्रेडेंशियल्स का सत्यापन करता है। डिलीवरी करनेवाले अपने मोबाइल फोन का उपयोग करके एक ऐप के माध्यम से ग्राहक के आधार क्रेडेंशियल्स को कैप्चर करते हैं।
उन्होंने कहा, “ग्राहक को एक ओटीपी प्राप्त होता है जिसका उपयोग इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए किया जाता है। ग्राहक अपनी सुविधानुसार वितरक शोरूम से भी संपर्क कर सकते हैं। वैकल्पिक रूप से, ग्राहक ओएमसी ऐप्स भी इंस्टॉल कर सकते हैं और स्वयं ई-केवाईसी पूरा कर सकते हैं।