नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म को बोर्नविटा को ‘हेल्दी ड्रिंक’ की श्रेणी से बाहर करने को कहा है। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने जारी एक पत्र में कहा कि बोर्नविटा और इसकी तरह अन्य पेय पदार्थों को ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर स्वास्थ्यवर्द्धक पेय की श्रेणी से हटा दिया जाना चाहिए क्योंकि खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम (एफएसएस अधिनियम 2006) के तहत कोई भी ‘हेल्दी ड्रिंक’ श्रेणी को परिभाषित नहीं करती है।
10 अप्रैल को लिखे पत्र में वाणिज्य मंत्रालय ने ई-कॉमर्स कंपनियों को बॉर्नविटा और अन्य पेय पदार्थों को ‘हेल्दी ड्रिंक’ श्रेणी से हटाने की सलाह दी।
उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग ने अपने पत्र में कहा, “राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर), बाल अधिकार संरक्षण आयोग (सीपीसीआर) अधिनियम, 2005 की धारा (3) के तहत गठित एक वैधानिक निकाय ने सीआरपीसी अधिनियम 2005 की धारा 14 के तहत अपनी जांच के बाद निष्कर्ष निकाला कि कोई भी पेय पदार्थ एफएसएस अधिनियम 2006 के तहत परिभाषित ‘हेल्दी ड्रिंक’ की श्रेणी में नहीं आता है।
बोर्नविटा का विवादों से है पुराना नाता
बता दें, एक साल पहले बॉर्नविटा अपने शुगर लेवल की अधिक मात्रा के कारण विवाद में आया था। कुछ दिनों बाद, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने मोंडेलेज इंडिया के स्वामित्व वाले ब्रांड को ड्रिक के सेवन से कई स्वास्थ्य लाभों का दावा करने वाले सभी भ्रामक विज्ञापनों को हटाने के लिए कहा था। बाल अधिकार निकाय द्वारा यह कार्रवाई उस वीडियो के बाद की गई है जिसमें पेय पदार्थ में उच्च चीनी सामग्री पर प्रकाश डाला गया था।
इस वजह से लिया गया फैसला
बोर्नविटा को एक नोटिस में, एनसीपीसीआर ने कन्फेक्शनरी प्रमुख से मामले में एक विस्तृत स्पष्टीकरण या रिपोर्ट भेजने के लिए भी कहा है। एनसीपीसीआर ने यह कार्रवाई एक शिकायत मिलने के बाद की है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि बोर्नविटा खुद को एक हेल्दी ड्रिंक के रूप में प्रचारित करता है और बच्चों के विकास में सुधार लाने जैसे दावे करता है। जबकि इसमें चीनी और अन्य अवयवों की मात्रा अधिक है, जो कि बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है