नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रेपो दर को 6.5% पर अपरिवर्तित रखने का निर्णय लिया है। यह लगातार आठवीं बार है, जब केंद्रीय बैंक की 6 सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने प्रमुख नीतिगत दरों को अपरिवर्तित रखने का फैसला किया है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए अनुमानित वास्तविक जीडीपी वृद्धि 7% के पिछले अनुमान से 7.2% अधिक किया गया है।
आरबीआई ने कहा, “वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए हम जीडीपी वृद्धि का अनुमान 7.2% लगा रहे हैं, जिसमें Q1 7.3%, Q2 7.2%, Q3 7.3% और Q4 7.2% है। जोखिम समान रूप से संतुलित हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) अपनी समायोजन नीति को वापस लेने पर अपना ध्यान जारी रखने की योजना बना रहा है। इसके अतिरिक्त, सामान्य दक्षिण-पश्चिम मानसून का अनुमान है, जिससे खरीफ फसल उत्पादन में वृद्धि और जलाशयों में जल भंडारण के स्तर में सुधार होने की उम्मीद है।
फरवरी 2023 से नहीं हुआ बदलाव
RBI ने FY25 के लिए मुद्रास्फीति का अनुमान 4.5% पर स्थिर रखा है। शक्तिकांत दास ने लंबी अवधि में मुद्रास्फीति को 4% के लक्ष्य पर बहाल करने के लिए आरबीआई के समर्पण की पुष्टि की। केंद्रीय बैंक ने आखिरी बार फरवरी, 2023 में रेपो दर को बढ़ाकर 6.5 फीसदी किया था और तब से उसने लगातार सात बार इसे यथावत रखा है।
महंगाई की चिंताओं के बीच रेपो रेट स्थिर
विशेषज्ञों ने कहा कि चूंकि आर्थिक वृद्धि में तेजी आ रही है, ऐसे में एमपीसी रेपो रेट में कटौती से बच सकती है। एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति मई में पांच फीसदी रहने का अनुमान है। महंगाई का यह आंकड़ा जून 2024 के दूसरे सप्ताह जारी किया जा सकता है। आरबीआई ने महंगाई की चिंताओं के बीच रेपो रेट को फिलहाल 6.5 फीसदी पर स्थिर रखा है।