‘एनआरसी आवेदन संख्या नहीं देने पर नहीं बनेगा आधार’, असम के सीएम हिमंत सरमा ने दी चेतावनी

हिमंत सरमा का दावा- असम जल्द ही मुस्लिम बहुल राज्य होगा

नई दिल्ली। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शनिवार को घोषणा की कि राज्य में अवैध प्रवासियों पर नकेल कसने के प्रयासों के तहत राज्य में आधार कार्ड के लिए नए आवेदकों को अपना राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) आवेदन रसीद नंबर जमा करना होगा।

एक संवाददाता सम्मेलन में बोलते हुए, सरमा ने बताया कि आधार आवेदनों की संख्या राज्य की जनसंख्या से अधिक हो गई है, जिससे संभावित धोखाधड़ी वाले आवेदनों के बारे में चिंताएं बढ़ गई हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, आधार कार्ड धारक कम से कम चार जिलों में अनुमानित जनसंख्या से अधिक हैं, जो चिंताजनक है।

जनसंख्या से अधिक आया आधार कार्ड आवेदन

उन्होंने कहा, “आधार कार्ड के लिए आवेदन जनसंख्या से अधिक हैं। यह इंगित करता है कि संदिग्ध नागरिक हैं और हमने फैसला किया है कि नए आवेदकों को अपना एनआरसी आवेदन रसीद नंबर जमा करना होगा।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कदम का उद्देश्य असम में अवैध रूप से प्रवेश करने वाले लोगों की आमद को रोकना है। सरमा ने कहा, “असम में आधार प्राप्त करना आसान नहीं होगा।” उन्होंने कहा कि राज्य नए आधार कार्ड जारी करने की प्रक्रिया को सख्त करेगा।

संदिग्ध लोगों को आधार कार्ड मिलने की आशंका

सरमा ने धुबरी को चिंता का एक विशेष क्षेत्र बताते हुए कुछ जिलों में अनियमितताओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “धुबरी जिले में आबादी से अधिक आधार कार्ड जारी कर दिए गए। हो सकता है कि कुछ संदिग्ध लोगों को आधार कार्ड मिले हों।”

सरमा ने कहा, “अगले 10 दिनों के भीतर एक औपचारिक अधिसूचना की उम्मीद है। यदि आप एनआरसी के लिए आवेदन नहीं करते हैं, तो आपको नई प्रक्रिया में आधार कार्ड नहीं मिलेगा।” हालांकि, उन्होंने कहा कि यह नियम चाय बागान क्षेत्रों पर लागू नहीं होगा। वयस्क आवेदकों के लिए अन्य जिलों में 1 अक्टूबर से सख्त नियम शुरू होंगे।

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