जालंधर। पंजाब पुलिस ने दिग्गज मैराथन धावक फौजा सिंह की हिट-एंड-रन से हुई मौत के मामले में 30 वर्षीय एनआरआई अमृतपाल सिंह ढिल्लों को गिरफ्तार किया है। यह घटना 14 जुलाई 2025 को जालंधर जिले के बियास गांव के पास जालंधर-पठानकोट हाईवे पर हुई, जहां 114 वर्षीय फौजा सिंह को एक अज्ञात वाहन ने टक्कर मारी थी। टक्कर के बाद गंभीर चोटों से पीड़ित फौजा की अस्पताल में मौत हो गई। पुलिस ने महज 30 घंटे के भीतर आरोपी को पकड़ लिया और घटना में इस्तेमाल की गई टोयोटा फॉर्च्यूनर एसयूवी भी बरामद कर ली।
अमृतपाल, जो कनाडा से आठ दिन पहले भारत लौटा था, मूल रूप से जालंधर के दासुपुर गांव का रहने वाला है। पुलिस पूछताछ में उसने बताया कि वह मुकेरियन से फोन बेचकर लौट रहा था, जब उसकी गाड़ी ने बियास पिंड के पास फौजा सिंह को टक्कर मारी। उसने दावा किया कि उसे तुरंत पता नहीं चला कि पीड़ित फौजा सिंह थे और बाद में समाचारों से इसकी जानकारी मिली। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और घटनास्थल से मिले हेडलाइट के टुकड़ों की मदद से वाहन की पहचान की।
फौजा सिंह को तुरबान्ड टॉरनेडो कहा जाता था
फौजा सिंह, जिन्हें ‘तुरबान्ड टॉरनेडो’ के नाम से जाना जाता था, 89 साल की उम्र में दौड़ना शुरू किया और 100 साल की उम्र में टोरंटो मैराथन पूरी कर विश्व रिकॉर्ड बनाया। उनकी मृत्यु से खेल जगत में शोक की लहर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें फिटनेस के लिए प्रेरणा स्रोत बताते हुए श्रद्धांजलि दी। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी उनकी उपलब्धियों को याद किया।
पुलिस ने अमृतपाल को मंगलवार रात भोगपुर थाने में हिरासत में लिया और बुधवार को कोर्ट में पेश करने की तैयारी है। इस मामले में लापरवाही और गैर-इरादतन हत्या के आरोप तय किए गए हैं। घटना ने सड़क सुरक्षा और वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा पर बहस छेड़ दी है, जबकि पुलिस जांच जारी है। फौजा के अंतिम संस्कार में देरी हो सकती है, क्योंकि उनके विदेश में रहने वाले रिश्तेदार शामिल होना चाहते हैं।