दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को आबकारी नीति घोटाले मामले में तिहाड़ जेल गए हुए आज एक साल पूरा हो गया। इसको लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उन्हें याद किया और दिल्ली विधानसभा में उन्हें सैल्यूट किया। इतना ही नहीं सीएम केजरीवाल ने अपनी कैबिनेट और अन्य विधायकों के साथ राजघाट गए और बापू को श्रद्धांजलि दी। सीएम केजरीवाल ने ट्वीट किया- देश के सबसे काबिल शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया, जिन्होंने गरीबों के बच्चों को अच्छे स्कूल और बेहतरीन शिक्षा देने का काम किया। उनको बीजेपी की केंद्र सरकार ने फर्जी केस में फंसाकर जेल भेज दिया। आज पूरा एक साल हो गया है।
उन्होंने कहा- आज गरीबों को शिक्षा देने वाला व्यक्ति एक साल से जेल में है। हम उनके संघर्ष को सलाम करते हैं। आज मनीष हर देशभक्त के लिए एक प्रेरणा हैं। मनीष पूरी आम आदमी पार्टी और हर सच्चे भारतवासी के लिए प्रेरणा हैं, जो बिना टूटे इन लोगों से लड़ रहे हैं। आज हम सबने राजघाट जाकर पूज्य बापू को पुष्प अर्पित कर ये प्रार्थना की कि तानाशाही और अन्याय के ख़िलाफ़ इस लड़ाई में मनीष जी को और साहस दें।
बता दें, मनीष सिसोदिया को पिछले साल 26 फरवरी 2023 को CBI मुख्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया गया था, जिसके बाद शाम को कुछ सवालों के जवाब नहीं देने पर CBI ने मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया था और इसके बाद फिर 9 मार्च को तिहाड़ जेल में ही पूछताछ के बाद सिसोदिया को ED ने गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद से ही मनीष सिसोदिया तिहाड़ जेल में बंद है।
कई बार जमानत याचिका हो चुकी है खारिज
एक साल में अब तक कई बार मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका CBI और ED दोनों के मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट, दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से खारिज की जा चुकी है। मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार करने के बाद ही सीबीआई ने आबकारी घोटाले से संबंधित और ED ने मनी लांड्रिंग से संबंधित मामलों में अलग-अलग चार्जशीट और सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की है और इन चार्जशीट में मनीष सिसोदिया के सहयोगी रहे कई अन्य आम आदमी पार्टी के नेताओं के भी नाम शामिल थे।
जानिए क्या है आबकारी घोटाला मामला
मनीष सिसोदिया उपमुख्यमंत्री रहने के साथ-साथ आबकारी मंत्री भी थे और उनके नेतृत्व में दिल्ली की पुरानी आबकारी नीति को बदलकर एक नई आबकारी नीति बनाई गई। उसको सितंबर 2021 में लागू किया गया। इस दौरान दिल्ली में बहुत सारे नए शराब के ठेके खोले गए और उन पर एक बोतल के साथ एक बोतल फ्री का ऑफर देकर दिल्ली में भारी संख्या में शराब की बिक्री की गई ।
लेकिन आबकारी नीति लागू होने के छः महीने बाद ही इसमें भ्रष्टाचार के आरोप लगने लगे और भाजपा ने कई बार इस घोटाले की जांच के लिए आंदोलन भी किया। अंततः दिल्ली के राज्यपाल ने आबकारी घोटाले की CBI जांच के आदेश दे दिए। इसके बाद CBI ने मनीष सिसोदिया समेत तत्कालीन आबकारी आयुक्त और उपयुक्त और शराब कारोबारियों सहित 10 से ज्यादा लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया और जांच शुरू की, लेकिन 6 महीने में ही जांच की आंच मनीष सिसोदिया तक पहुंच गई।