नई दिल्ली। 26 वर्षीय पूर्व ओपनएआई रिसर्चर सुचिर बालाजी 26 नवंबर को सैन फ्रांसिस्को में अपने फ्लैट में मृत पाए गए। शनिवार को आई रिपोर्ट में इसकी पुष्टि हुई। उन्होंने कृत्रिम बुद्धिमत्ता कंपनी के संचालन और प्रथाओं के बारे में चिंता जताई थी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोस्तों और सहकर्मियों द्वारा उनकी भलाई पर चिंता व्यक्त करने के बाद सैन फ्रांसिस्को पुलिस को बालाजी के अपार्टमेंट में बुलाया गया था। पहुंचने पर अधिकारियों को बालाजी का शव मिला और 26 नवंबर को उनकी मौत की पुष्टि की गई। उनकी मौत की खबर अब सामने आई है।
प्रारंभिक रिपोर्टों से पता चलता है कि किसी गड़बड़ी का कोई सबूत नहीं है। जांचकर्ताओं को संदेह है कि यह आत्महत्या हो सकती है। अधिकारी और चिकित्सक घटनास्थल पर पहुंचे और एक मृत शख्स का पता लगाया। यह आत्महत्या जैसा लग रहा था। सैन फ्रांसिस्को क्रॉनिकल ने एक पुलिस बयान के हवाले से कहा, “प्रारंभिक जांच के दौरान गड़बड़ी का कोई सबूत नहीं मिला।”
मौत का तरीका आत्महत्या माना गया
मुख्य चिकित्सा परीक्षक के कार्यालय के निदेशक ने मीडिया को बताया, “मौत का तरीका आत्महत्या माना गया है।” बालाजी की मौत के बाद सोशल मीडिया पर जमकर प्रतिक्रिया आ रही है। उन्होंने अगस्त में कंपनी से इस्तीफा देने के तुरंत बाद ओपनएआई पर कॉपीराइट उल्लंघन का आरोप लगाया था। टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने इस खबर पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी।
कॉपीराइट सामग्री का उपयोग करने का लगाया था आरोप
बालाजी ने सार्वजनिक रूप से ओपनएआई पर अपने जेनरेटिव एआई प्रोग्राम, चैटजीपीटी को प्रशिक्षित करने के लिए उचित प्राधिकरण के बिना कॉपीराइट सामग्री का उपयोग करने का आरोप लगाया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि चैटजीपीटी जैसी तकनीकें इंटरनेट को नुकसान पहुंचा रही हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स को दिए एक साक्षात्कार में, बालाजी ने अपना विश्वास व्यक्त किया था कि ओपनएआई की प्रथाएं इंटरनेट पारिस्थितिकी तंत्र के लिए हानिकारक थीं और उन व्यवसायों और व्यक्तियों के लिए हानिकारक थीं जिनके डेटा का उपयोग सहमति के बिना किया गया था।