नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। आतंकियों ने बाइसरण घास के मैदान में हिंदू पर्यटकों को निशाना बनाया, उनसे ‘कलमा’ पढ़ने को कहा और न पढ़ पाने पर गोली मार दी। इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के सहयोगी द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली। एक महिला प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि आतंकियों ने उसके पति को गोली मारने के बाद कहा, “यह बात मोदी को बताना।”
पुणे के 54 वर्षीय व्यवसायी संतोष जगदाले और उनके भाई कौस्तुभ गनबोटे की बेटी असावरी ने बताया कि आतंकी पुलिस की वर्दी में थे। उन्होंने पुरुषों को बाहर बुलाकर उनसे इस्लामी आयत पढ़ने को कहा। संतोष जब ऐसा न कर सके, तो उन्हें सिर, कान के पीछे और पीठ में तीन गोलियां मारी गईं। कौस्तुभ को भी कई गोलियां लगीं। कानपुर के 26 वर्षीय नवविवाहित शुभम द्विवेदी भी इस हमले में मारे गए। उनकी शादी फरवरी 2025 में हुई थी।
आतंकियों ने हिंदुओं को चुन-चुनकर मारा
हमले में दो विदेशी और दो स्थानीय नागरिक भी मारे गए। आतंकियों ने हिंदुओं को चुन-चुनकर निशाना बनाया, जिसे 26/11 मुंबई हमले की तर्ज पर अंजाम दिया गया। खुफिया सूत्रों के अनुसार, पांच से छह आतंकी, जिनमें दो पाकिस्तानी थे, इसमें शामिल थे। कुछ आतंकियों ने बॉडी कैमरा पहना था और हमले को रिकॉर्ड किया।
अरब यात्रा रद्द कर पीएम मोदी लौटे भारत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब यात्रा रद्द कर दिल्ली लौटकर आपात बैठक की। उन्होंने कहा, “दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।” गृह मंत्री अमित शाह ने श्रीनगर और बाइसरण का दौरा कर पीड़ितों से मुलाकात की। जम्मू-कश्मीर सरकार ने मृतकों के परिवारों के लिए 10 लाख रुपये और घायलों के लिए 1-2 लाख रुपये की सहायता राशि की घोषणा की। सुरक्षा बलों ने बड़े पैमाने पर आतंकवाद विरोधी अभियान शुरू किया है।