नई दिल्ली। भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक किया है। इससे भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव एक बार फिर सुर्खियों में है। इस घटना पर कई देशों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। किसी ने समर्थन तो किसी ने विरोध भी किया है।
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने दावा किया कि भारत ने उनकी हवाई सीमा में घुसकर मिसाइल हमले किए, जो नागरिक इलाकों पर गिरे। वहीं पाकिस्तानी मीडिया ने सनसनीखेज दावा किया कि उनकी सेना ने 6 भारतीय फाइटर जेट्स, जिनमें 3 राफेल शामिल थे, मार गिराए। रात 2 बजे पाकिस्तान ने कहा कि 5 ठिकानों पर हमला हुआ, जिसमें 3 लोग मारे गए। लेकिन सुबह 5 बजे ISPR ने दावा किया कि 6 इलाकों पर 24 मिसाइलें दागी गईं, जिसमें 8 नागरिक मरे और 35 घायल हुए।
वहीं, भारत ने पाकिस्तान के दावों को सिरे से खारिज किया। भारतीय सेना ने कहा कि हमले केवल जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी ठिकानों पर किए गए, न कि पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों और नागरिक ठिकानों पर।
अमेरिका ने बताया शर्मनाक
इस घटना पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे शर्मनाक बताया और दोनों देशों से शांति की अपील की। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, ‘यह शर्मनाक है। मुझे लगता है कि लोगों को पता था कि कुछ होने वाला है। वे लंबे समय से लड़ रहे हैं। अगर आप इसके बारे में सोचें तो वे कई दशकों और सदियों से लड़ रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि यह जल्द ही खत्म हो जाएगा।’
चीनी विदेश मंत्रालय ने जताई चिंता
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने 7 मई को पाकिस्तान पर भारत की एयर स्ट्राइक पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि भारत की सैन्य कार्रवाई दुर्भाग्यपूर्ण है। हम मौजूदा हालात को लेकर चिंतित हैं। भारत और पाकिस्तान दोनों एक-दूसरे के पड़ोसी हैं और चीन के भी पड़ोसी हैं। चीन आतंकवाद के सभी रूपों का विरोध करता है। हम दोनों पक्षों से अपील करते हैं कि वे शांति और स्थिरता को प्राथमिकता दें। संयम बरतें और ऐसे कदम न उठाएं जो हालात को और जटिल बना दें।
इजरायल ने किया समर्थन
वहीं भारत में इजराइल के राजदूत रेउवेन अजार ने ‘X’ पर लिखा कि आत्मरक्षा के भारत के अधिकार का समर्थन करता है। आतंकवादियों को जान लेना चाहिए कि निर्दोषों के खिलाफ किए गए उनके घिनौने अपराधों से बचने के लिए अब कहीं कोई जगह नहीं है।