इस्लामाबाद। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 पर्यटकों की जान गई, के बाद भारत द्वारा सिंधु जल संधि निलंबित करने पर पाकिस्तान ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने गुरुवार को राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) की बैठक में कहा कि उनकी सेना किसी भी भारतीय साहसिक कार्रवाई का जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है।
उन्होंने भारत के कदमों को गैर-कानूनी और युद्ध का कार्य करार दिया, खासकर सिंधु जल संधि के निलंबन को, जिसे पाकिस्तान ने जल युद्ध बताया। शरीफ ने कहा कि पानी पाकिस्तान के 24 करोड़ लोगों की जीवनरेखा है और इसका हनन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
पाकिस्तान पूरी ताकत जवाब देगा: शरीफ
पाकिस्तान ने जवाबी कदम उठाते हुए भारत के लिए अपनी हवाई सीमा बंद कर दी, 1972 के शिमला समझौते को निलंबित किया और व्यापार पर रोक लगा दी। एनएससी ने चेतावनी दी कि पानी के प्रवाह को रोकना या मोड़ना युद्ध का कार्य माना जाएगा, और पाकिस्तान पूरी ताकत से जवाब देगा। विदेश मंत्री इशाक डार ने भारत के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए सबूत पेश करने की मांग की। रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान दबाव में नहीं झुकेगा और भारत को मुंहतोड़ जवाब देगा।
हमले की जिम्मेदारी द रेसिस्टेंस फ्रंट ने लिया
भारत ने हमले के लिए लश्कर-ए-तैयबा की सहयोगी द रेसिस्टेंस फ्रंट को जिम्मेदार ठहराया, जिसमें पाकिस्तानी और स्थानीय आतंकियों की भूमिका सामने आई है। भारत ने अटारी-वाघा सीमा बंद कर दी, पाकिस्तानी राजनयिकों को निष्कासित किया और SAARC वीजा छूट योजना रद्द की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आतंकियों को पृथ्वी के छोर तक खोजकर सजा दी जाएगी।
पाकिस्तान ने विश्व बैंक से हस्तक्षेप की मांग की, क्योंकि संधि में एकतरफा निलंबन का प्रावधान नहीं है। संयुक्त राष्ट्र ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की।