नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 6 मई को रांची में ‘संविधान बचाओ’ रैली में दावा किया कि अप्रैल 2022 के पहलगाम आतंकी हमले से तीन दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुफिया जानकारी मिली थी, जिसके आधार पर उन्होंने अपनी जम्मू-कश्मीर यात्रा रद्द की। खड़गे ने सवाल उठाया कि अगर सरकार को हमले की आशंका थी, तो पहलगाम में पर्यटकों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त इंतजाम क्यों नहीं किए गए। उन्होंने केंद्र सरकार पर खुफिया विफलता का आरोप लगाया, जिसे सरकार ने स्वीकार भी किया है।
22 अप्रैल, 2022 को पहलगाम के बैसरण घास के मैदान में हुए हमले में 26 लोग मारे गए थे। यह हमला लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने किया, जिसे पाकिस्तान की आईएसआई का समर्थन माना जाता है। खड़गे ने कहा कि सरकार को इस विफलता की जिम्मेदारी लेनी चाहिए और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाने चाहिए। उन्होंने जोर दिया कि कांग्रेस राष्ट्रीय सुरक्षा में सरकार के साथ है, लेकिन जवाबदेही जरूरी है।
खड़गे के बयान पर बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया दी
खड़गे के इस बयान पर बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया दी, इसे ‘देशद्रोही’ करार दिया और खड़गे को ‘आधुनिक मीर जाफर’ कहा। बीजेपी नेता सीआर केसवान ने खड़गे से माफी की मांग की। खड़गे ने यह भी उल्लेख किया कि 24 अप्रैल को हुई सर्वदलीय बैठक में केंद्र ने सुरक्षा चूक स्वीकारी थी। सूत्रों के अनुसार, स्थानीय प्रशासन ने बैसरण क्षेत्र को अमरनाथ यात्रा से पहले खोल दिया और सुरक्षा एजेंसियों को सूचित नहीं किया गया।
1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित करना
हमले के बाद भारत ने कड़े कदम उठाए, जिसमें 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित करना, पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करना और अटारी-वाघा सीमा बंद करना शामिल है। खड़गे ने कहा कि देश सर्वोपरि है और कांग्रेस आतंकवाद के खिलाफ सरकार के मजबूत कदमों का समर्थन करती है। हालांकि, उन्होंने सरकार से पूछा कि खुफिया जानकारी के बावजूद हमले को क्यों नहीं रोका गया।