नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित रहेशाह संविधान पर ‘हमला’ कर हैं और कहा कि यह विपक्ष के नेतृत्व वाले भारत गुट को स्वीकार्य नहीं है। 18वीं लोकसभा के पहले सत्र की शुरुआत के दिन पत्रकारों को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि कोई भी ताकत संविधान को छू नहीं सकती। अपनी संक्षिप्त टिप्पणी देने के बाद उन्होंने पत्रकारों को संविधान की एक पुस्तिका भी दिखाई।
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री और अमित शाह संविधान पर जो हमला कर रहे हैं, वह हमें स्वीकार्य नहीं है। हम ऐसा नहीं होने देंगे। इसलिए, हमने शपथ लेते समय संविधान को धारण किया। हमारा संदेश जा रहा है कि भारत के संविधान को कोई ताकत छू नहीं सकती है।” राहुल गांधी की यह टिप्पणी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 1975 में लगाए गए आपातकाल को लेकर कांग्रेस पर कटाक्ष करने के बाद आई है, जिसमें उन्होंने इसे लोकतंत्र पर “काला धब्बा” कहा था।
विपक्षी नेता संविधान के प्रति के साथ पहुंचे
25 जून, 1975 को, तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाया था। नागरिक स्वतंत्रता को निलंबित कर दिया था, विपक्षी नेताओं और असंतुष्टों को जेल में डाल दिया और प्रेस सेंसरशिप लागू कर दी थी। इससे पहले आज, 18वीं लोकसभा के पहले सत्र के पहले दिन शक्ति प्रदर्शन के लिए इंडिया ब्लॉक के सांसद संसद परिसर में एकत्र हुए। उन्होंने संविधान की प्रतियां पकड़ रखी थीं और “लोकतंत्र बचाने” के नारे लगाए।
विपक्षी नेता गांधी प्रतिमा के पास एकत्रित हुए
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंद्योपाध्याय, द्रमुक के टीआर बालू सहित विपक्षी नेता उस स्थान पर एकत्र हुए, जहां कभी संसद परिसर में गांधी की प्रतिमा थी। इस प्रतिमा को हाल ही में 14 अन्य प्रतिमाओं के साथ स्थानांतरित किया गया था, जो परिसर में प्रेरणा स्थल नामक एक नए स्थान पर स्थित थीं। सांसदों के साथ कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी भी शामिल हुईं।