हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर किसान आंदोलन के दौरान 21 साल के युवा किसान की मौत के बाद से आज संयुक्त किसान मोर्चा काला दिवस मना रहा है। इसी बीच हरियाणा की अंबाला पुलिस ने पत्र जारी करते हुए आंदोलनकारी किसानों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लगने की बात कही है। हरियाणा पुलिस ने यह भी बताया कि अब तक इस आंदोलन में अलग-अलग कारणों से कितने पुलिसकर्मियों की मौत हो चुकी है, और कितने पुलिसकर्मी घायल है।
किसान आंदोलन में 2 की मौत, 30 पुलिसकर्मी घायल
हरियाणा पुलिस के अनुसार, अब तक इस आंदोलन के दौरान 30 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं और 2 पुलिसकर्मियों की मौत हरियाणा में हुई है। एक को ब्रेन हेमरेज हुआ है। वहीं, किसान आंदोलन के दौरान पंजाब में ड्यूटी पर तैनात एक पुलिसकर्मी की ‘जिम’ में मौत हुई है। हरियाणा पुलिस ने अपनी चिट्ठी में कहा कि किसान आंदोलन लगातार दिल्ली कूच को लेकर शंभू बॉर्डर पर लगे बैरिकेड्स को तोड़ने के प्रयास कर रहे हैं। पुलिस प्रशासन पर पत्थरबाजी और हुड़दंग बाजी करके कानून व्यवस्था बिगड़ने की कोशिश कर रहे हैं और इसके अलावा उपद्रवी सरकारी और प्राइवेट संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
डीएसपी दिलप्रीत सिंह की चेस्ट पेन के कारण हुई मौत
पंजाब में हुई पुलिसकर्मी की मौत पर बताया गया कि खनौरी बॉर्डर पर तैनात मलेरकोटला के DSP दिलप्रीत सिंह की सुबह जिम में चेस्ट पेन के कारण लुधियाना हॉस्पिटल में मौत हो गई,।दिलप्रीत सिंह मलेरकोटला के DSP के तौर पर तैनात थे और उनकी रात की ड्यूटी खनौरी बॉर्डर पर लगाई गई थी।
मलेरकोटला के एसएसपी ने बताया कि उनकी ड्यूटी रात को 8:00 बजे से लेकर सुबह 4:00 बजे तक खनौरी बॉर्डर पर थी और 4:00 बजे ड्यूटी खत्म करने के बाद वहां सीधे अपने घर चले गए थे। इसके बाद वह जिम गए, जहां उनको चेस्ट में पेन हुआ। इसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उन्होंने अस्पताल में दम तोड़ दिया। 15 दिन पहले ही DSP के तबादले हुए थे और उनका तबादला मलेरकोटला जिले में हुआ था।