‘कामरा के पास कोई राजनीतिक महत्वाकांक्षा नहीं’, प्रशांत किशोर ने किया स्टैंडअप कॉमेडियन का समर्थन

नई दिल्ली। जन सुराज पार्टी के प्रमुख और पूर्व चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने स्टैंडअप कॉमेडियन कुनाल कामरा का समर्थन किया है, जो महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर ‘गद्दार’ टिप्पणी को लेकर विवाद में घिरे हैं। किशोर ने कहा कि कामरा के पास कोई राजनीतिक महत्वाकांक्षा या छिपा हुआ मकसद नहीं है।

यह बयान उन्होंने बिहार के कटिहार में पत्रकारों से बातचीत के दौरान दिया। किशोर ने कामरा को अपना दोस्त बताते हुए कहा कि कुछ लोग यह मानते हैं कि कामरा राजनीति कर रहे हैं, लेकिन यह गलत है। उन्होंने कामरा के जीवनशैली का जिक्र करते हुए कहा कि वह पुडुचेरी में रहते हैं और जैविक खेती करते हैं, जबकि स्टैंडअप कॉमेडी उनका शौक है।

कामरा ने गद्दार कहकर शिंदे पर कसा था तंज

यह विवाद तब शुरू हुआ जब कामरा ने मुंबई के खार स्थित हबीटैट कॉमेडी क्लब में एक परफॉर्मेंस के दौरान शिंदे पर तंज कसा। उन्होंने एक बॉलीवुड गाने की पैरोडी के जरिए शिंदे को निशाना बनाया, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इसके बाद शिव सेना समर्थकों ने रविवार रात को कॉमेडी क्लब और उससे जुड़े होटल में तोड़फोड़ की।

शिव सेना विधायक मुरजी पटेल की शिकायत पर खार पुलिस ने कामरा के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज किया। इसके जवाब में, 28 मार्च को मद्रास हाई कोर्ट ने कामरा को अंतरिम जमानत दी, जिसमें उन्हें तमिलनाडु के विलुपुरम जिले में मजिस्ट्रेट के सामने जमानत बॉन्ड जमा करने का निर्देश दिया गया।

उनकी टिप्पणी में कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं: किशोर

किशोर ने कामरा के पक्ष में बोलते हुए कहा कि उनकी टिप्पणी में कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं था और यह महज हास्य था। हालांकि, शिव सेना ने इसे अपमानजनक बताते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी कामरा से माफी की मांग की और कहा कि नेताओं के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। दूसरी ओर, शिव सेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कामरा का समर्थन किया और कहा कि “गद्दार तो गद्दार ही है।”

नेताओं पर हास्य करना गैरकानूनी नहीं: कामरा

इस घटना ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर बहस छेड़ दी है। कामरा ने कहा कि नेताओं पर हास्य करना गैरकानूनी नहीं है और वह माफी नहीं मांगेंगे। इस बीच, हबीटैट कॉमेडी क्लब ने सुरक्षा कारणों से अपनी गतिविधियां अस्थायी रूप से बंद कर दी हैं। यह विवाद महाराष्ट्र के राजनीतिक माहौल को और गरमा रहा है, जहां पहले से ही तनाव बना हुआ है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *