नई दिल्ली। ओम बिरला सर्वसम्मति से लोकसभा के अध्यक्ष नियुक्त किए गए। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज संसद में हाथ मिलाया और दोनों नेताओं ने ओम बिरला को एक साथ अध्यक्ष की कुर्सी तक ले गए।
इससे पहले, राहुल गांधी लोकसभा में विपक्ष के नेता चुने गए। यह महत्वपूर्ण पद संभालने वाले गांधी परिवार के वह तीसरे सदस्य बन गए हैं। राहुल गांधी अपनी मां सोनिया गांधी के नक्शेकदम पर चलते रहे। इससे पहले, सोनिया गांधी ने 1999 से 2004 तक लोकसभा में विपक्ष के नेता के तौर पर सेवा की। इससे पहले उनके पिता राजीव गांधी ने भी 1989 से 1990 तक विपक्ष के नेता रहे थे।
लोकसभा में विपक्ष के नेता की भूमिका
भारत में विपक्ष के नेता का इतिहास 1969 से मिलता है, जब राम सुहाग सिंह पहली बार इस पद पर आसीन हुए थे। तब से, यह भूमिका संसदीय लोकतंत्र की आधारशिला बन गई है। विपक्ष के नेता मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी), केंद्रीय सतर्कता आयुक्त (सीवीसी), लोकायुक्त और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के सदस्यों जैसे प्रमुख अधिकारियों की नियुक्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
भर्तृहरि महताब ने बिरला को बधाई दी
प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब ने ओम बिरला के लोकसभा अध्यक्ष बनाए जाने की घोषणा की। घोषणा के बाद, प्रधानमंत्री मोदी और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने उन्हें अध्यक्ष की कुर्सी तक ले जाने के लिए सत्ता पक्ष की अग्रिम पंक्ति में बिरला की सीट के पास पहुंचे। उनके साथ राहुल गांधी भी थे।
पीएम मोदी ने बिरला को दी बधाई
पीएम मोदी ने बिरला को बधाई देते हुए कहा, “यह सम्मान की बात है कि आप दूसरी बार इस अध्यक्ष के लिए चुने गए हैं। मैं पूरे सदन की ओर से आपको बधाई देता हूं और अगले पांच वर्षों तक आपके मार्गदर्शन की प्रतीक्षा करता हूं। आपकी मधुर मुस्कान पूरे सदन को खुश रखती है।” राहुल गांधी ने कहा, “मैं पूरे विपक्ष और इंडिया गठबंधन की ओर से आपको बधाई देना चाहता हूं। आप लोगों की आवाज के अंतिम मध्यस्थ हैं।”