नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आम आदमी पार्टी (आप) नेता अरविंद केजरीवाल को जमानत देने के ट्रायल कोर्ट के आदेश पर शुक्रवार को अंतरिम रोक लगाने का निर्देश दिया। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा निचली अदालत के आदेश को चुनौती देने के लिए उच्च न्यायालय का रुख करने के बाद न्यायमूर्ति सुधीर कुमार जैन ने यह आदेश पारित किया।
कोर्ट ने कहा कि वह ट्रायल कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने की प्रार्थना पर विस्तृत आदेश के लिए मामले को सुरक्षित रख रहा है। यह भी कहा कि दो-तीन दिन में इसका फैसला सुनाया जाएगा। इस बीच, ट्रायल कोर्ट के जमानत आदेश के क्रियान्वयन पर रोक रहेगी। कोर्ट ने कहा, “मैं दो से तीन दिनों के लिए आदेश सुरक्षित रख रहा हूं। आदेश सुनाए जाने तक ट्रायल कोर्ट के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगाई जाती है। रोक पर अंतिम आदेश दो से तीन दिन बाद पारित किया जाएगा।”
कोर्ट ने मेरी बात नहीं सुनी: ईडी
ईडी ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने उनकी बात पर्याप्त रूप से नहीं सुनी और यह धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 45 के तहत जनादेश का उल्लंघन है। ईडी ने कहा कि पीएमएलए की धारा 45 कहती है कि लोक अभियोजक को सुनवाई का उचित अवसर दिया जाना चाहिए। मुझे ठीक से नहीं सुना गया। जब मेरे विद्वान मित्र (वरिष्ठ वकील चौधरी) की बारी आई। उन्होंने कहा कि वह संक्षेप में बात करेंगे। उन्होंने अदालत को संबोधित नहीं किया लेकिन मैंने कहा कि मैं विस्तृत जवाब दूंगा क्योंकि उन्होंने ऐसा नहीं किया है। जब मैंने दलील दी तो अदालत ने कहा कि संक्षेप में बताएं।